11 September 2024

Ladli Behna Yojana: लाडली बहना योजना में 2 लाख महिलाओं के कटे नाम जानिए क्या है कारण

Ladli Behna Yojana: लाडली बहना योजना में 2 लाख महिलाओं के कटे नाम जानिए क्या है कारण - e4you-portal 

Cm ladli behna yojana: लाडली बहना योजना के अंतर्गत राज्य सरकार हर महीने 1250 रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। लाडली बहन योजना के अंतर्गत अब तक 16 किस्तें जारी की जा चुकी हैं।

दरअसल मध्यप्रदेश में पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की श्रम में भागीदारी बहुत कम है। यही कारण है कि प्रदेश की महिलाओं की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। ऐसी महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने और उन पर आश्रित बच्‍चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार के लिए राज्य सरकार ने लाड़ली बहना योजना शुरुआत की है।

जनवरी 2023 में हुई थी लाडली बहन योजना की घोषणा

परिवार में महिलाओं की भूमिका और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 जनवरी 2023 को लाडली बहन योजना घोषणा की थी। सरकार ने 15 मार्च 2023 से इसके लिए आवेदन मांगे गए थे। लाडली बहन योजना की पहली किस्त पात्र महिलाओं के खातों में 10 जुलाई 2023 को भेजी गई थी। लाड़ली बहना योजना लागू किये जाने के वक्त पात्र महिलाओं को हर माह 1000 रुपए दिए गए थे लेकिन वर्तमान में इसे बढ़ाकर 1250 रूपए प्रतिमा कर दिया गया है।

महिला सशक्तिकरण मिशन का उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी, सशक्त, स्वपोषण एवं आत्मनिर्भर बनाने में लाडली बहन योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। हालांकि इसपर विवाद और बवाल भी खूब हुए हैं। लाड़ली बहना योजना को लेकर कांग्रेस अक्सर दो सवाल उठाती है। बीजेपी द्वारा योजना की राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए करने और जिन लाखों महिलाओं के नाम काटे गए, उन्हें दोबारा जोड़ने की मांग कांग्रेस जब-कब करती रहती है।

क्या है, मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना का उद्देश्य

मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त, स्वपोषण, स्वतंत्र एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना शुरू की है ताकि वे अपने जरूरतमंद खर्चों को पूरा कर सके। इसके लिए उन्हें किसी दूसरे पर निर्भर न रहना पड़े। योजना में डी.बी.टी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) भुगतान प्रक्रिया अपनायी गयी ताकि योजना के अंतर्गत मिलने वाली रकम सीधे महिलाओं के हाथों में आए।

लाड़ली बहन योजना से लगातार कट रही महिलाओं के नाम

लाड़ली बहना योजना में रजिस्टर्ड महिलाओं की संख्या में लगातार कमी आ रही है किंतु इसकी वाजिब वजह भी है। बता दें कि ज्यादातर महिलाएं उम्र की वजह से अपात्र हो रही हैं। और योजना में अभी नये पंजीयन भी नहीं हो रहे है। पंजीयन बंद होने की वजह से योजना में नए नाम नहीं जुड़े रहे जिससे पात्र महिलाओं की संख्या बढ़ भी नहीं पा रही है। यही कारण है की योजना की राशि में लगातार कमी देखने को मिल रही है।

2 लाख महिलाओं के किस वजह से कटे नाम

बता दें कि योजना में 2 लाख से ज्यादा महिलाओं के नाम शुरुआत में ही काट दिए गए थे। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की घोषणा होते ही लाखों महिलाओं ने अपात्र होते हुए भी इसमें आवेदन किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक विभागीय आंकड़ों के अनुसार आवेदन के बाद कुल 218858 आपत्तियां भी प्राप्त हुई थीं जिसके बाद अपात्र बहनों के नाम काटे गए। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत कुल 12905457 महिलाओं को हर माह 1250 रुपए दिए जा रहे हैं।

इस तरह चेक करें लाडली बहन योजना का लाभार्थी स्टेटस

अगर आप लाडली बहन योजना की लाभार्थी महिला है तो आपको लाडली बहन योजना की लाभार्थी सूची में अपना नाम अवश्य चेक कर लेना चाहिए कि कहीं आपका नाम भी तो नहीं योजना की लिस्ट से हट गया है। योजना का लाभार्थी स्टेटस चेक करने के लिए नीचे बताई गई प्रक्रिया का पालन करें।

  • लाडली बहन योजना का लाभार्थी स्टेटस देखने के लिए सबसे पहले आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट cmladlibahna.mp.gov.in पर जाना है।
  • आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर आपको मेनू के ऑप्शन में “आवेदन की स्थिति देखें” का ऑप्शन मिलेगा जिस पर क्लिक करें।
  • फिर आपके सामने न्यू पेज ओपन होगा जिसमें लाडली बहन योजना आवेदन क्रमांक या महिला की समग्र आईडी दर्ज करें, कैप्चा कोड दर्ज करें, और फिर “ओटीपी भेजें” के पर क्लिक कर दें।
  • फिर आपके मोबाइल नंबर पर OTP आएगा जिसे ओटीपी बॉक्स में भरें और खोजें के बटन पर क्लिक कर दें।
  • अब आपके सामने लाडली बहन योजना का लाभार्थी स्टेटस खुलकर आ जाएगा जिसमें आप अपनी लाडली बहना योजना की स्थिति जान सकती हैं।

निष्कर्ष-

वर्तमान में लाडली बहन योजना में ना तो नए पंजीयन हो रहे हैं और ना ही अभी महिलाओं के नाम हटाए जा रहे हैं। लाडली बहन योजना के शुरुआत में ही 2 लाख महिलाओं के नाम काट दिए गए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक बता दें कि विभाग को कुल 1,31,35985 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 2,18,858 महिलाओं के नाम काट दिए गए हैं। वर्तमान में अब कुल 1,29,05457 महिलाओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है।