21 March 2025

लाड़ली बहना योजना की तरह Social Security Beneficiaries को भी मिले बराबर सहायता – एक खुला पत्र

प्रिय मुख्यमंत्री महोदय,

विषय: सामाजिक सुरक्षा के सभी लाभार्थियों को लाड़ली बहना योजना के समकक्ष सहायता राशि प्रदान करने हेतु निवेदन

आशा है कि आप स्वस्थ और प्रसन्नचित्त होंगे। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही लाड़ली बहना योजना के माध्यम से राज्य की लाखों बहनों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहे हैं।

यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हालांकि, समाज के अन्य कमजोर वर्ग, जैसे वृद्धजन, विधवा महिलाएं, दिव्यांगजन आदि, जो सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत लाभान्वित हो रहे हैं, उन्हें मिलने वाली सहायता राशि अपेक्षाकृत कम है। वर्तमान में, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 55 लाख हितग्राहियों के खाते में 333 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं, जो प्रति व्यक्ति लगभग 600 रुपये प्रति माह के बराबर है।

इन वर्गों के लिए यह राशि उनकी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में अपर्याप्त सिद्ध हो रही है। वृद्धावस्था, विधवा अवस्था या दिव्यांगता के कारण ये लोग कार्य करने में असमर्थ होते हैं, और उन्हें अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से इस सहायता राशि पर निर्भर रहना पड़ता है।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत मिलने वाली सहायता राशि को लाड़ली बहना योजना के समकक्ष, अर्थात् कम से कम 1,250 रुपये प्रति माह किया जाए। यह कदम समाज के इन कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगा और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने में सहायता प्रदान करेगा।

हमें विश्वास है कि आपके नेतृत्व में राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी।

धन्यवाद।

सादर,

E4you.in Portal 

18 March 2025

Eva इलेक्ट्रिक car जो कि सोलर पैनल के माध्यम से भी चार्ज होती है यह एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती हैं

पुणे स्थित इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टार्ट-अप Vayve Mobility ने हाल ही में भारत की पहली सोलर पावर्ड इलेक्ट्रिक कार Eva लॉन्च की है। यह कॉम्पैक्ट कार शहरी यात्राओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है और पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए एक किफायती विकल्प प्रस्तुत करती है।

Eva की प्रमुख विशेषताएं:

  • बैटरी और चार्जिंग: 14 kWh की लिथियम-आयन बैटरी से लैस यह कार एक बार पूर्ण चार्ज पर 250 किमी तक की दूरी तय कर सकती है। घरेलू (15A) सॉकेट से बैटरी को लगभग 4 घंटे में चार्ज किया जा सकता है, जबकि DC फास्ट चार्जर (CCS2) से यह केवल 45 मिनट में पूर्ण चार्ज हो जाती है।

  • सोलर पैनल: कार की छत पर फ्लेक्सिबल सोलर पैनल लगाए गए हैं, जो प्रतिदिन अतिरिक्त 10 किमी की रेंज प्रदान करते हैं।

  • डिज़ाइन और इंटीरियर: Eva में दो वयस्कों और एक बच्चे के बैठने की क्षमता है। कार में 6-वे एडजस्टेबल ड्राइविंग सीट, पैनोरमिक सनरूफ, एयर कंडीशनिंग, और एप्पल कारप्ले एवं एंड्रॉइड ऑटो कनेक्टिविटी जैसे आधुनिक फीचर्स शामिल हैं।

वेरिएंट्स और कीमत:

Eva तीन वेरिएंट्स में उपलब्ध है:

  • नोवा: ₹3.25 लाख (बैटरी सब्सक्रिप्शन प्लान के साथ) या ₹3.99 लाख (बिना बैटरी सब्सक्रिप्शन)

  • स्टेला: ₹3.99 लाख (बैटरी सब्सक्रिप्शन प्लान के साथ) या ₹4.99 लाख (बिना बैटरी सब्सक्रिप्शन)

  • वेगा: ₹4.49 लाख (बैटरी सब्सक्रिप्शन प्लान के साथ) या ₹5.99 लाख (बिना बैटरी सब्सक्रिप्शन)

इन कीमतों का लाभ पहले 25,000 ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा, और डिलीवरी 2026 में शुरू होने की योजना है।

निष्कर्ष:

Eva का सोलर पैनल के माध्यम से चार्ज होने की क्षमता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी परिवर्तन का संकेत देती है। यह न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि शहरी क्षेत्रों में किफायती और स्वच्छ परिवहन के विकल्प को भी प्रोत्साहित करेगी।

16 March 2025

KVS Class 1 Admission 2025: केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया, डेट्स और जरूरी गाइडलाइन्स

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 1 में प्रवेश प्रक्रिया की घोषणा कर दी है। यदि आप अपने बच्चे का केंद्रीय विद्यालय में दाखिला कराना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विस्तृत जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।

महत्वपूर्ण तिथियां:

  • पंजीकरण की शुरुआत: 7 मार्च 2025 सुबह 10 बजे से।

  • पंजीकरण की अंतिम तिथि: 21 मार्च 2025 रात 10 बजे तक।

  • पहली चयन सूची की घोषणा: 25 मार्च 2025 को।

  • दूसरी चयन सूची (यदि आवश्यक हो): 2 अप्रैल 2025 को।

  • तीसरी चयन सूची (यदि आवश्यक हो): 7 अप्रैल 2025 को।

आयु सीमा:

  • कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 31 मार्च 2025 तक कम से कम 6 वर्ष और अधिकतम 8 वर्ष होनी चाहिए। अर्थात, बच्चे का जन्म 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2019 के बीच होना चाहिए।

  • विशेष श्रेणियों के लिए आयु में छूट:

    • दिव्यांग बच्चे (PWD): इनके लिए आयु सीमा में अधिकतम 2 वर्षों की छूट है, अर्थात 6 से 10 वर्ष तक के बच्चे आवेदन कर सकते हैं।

    • अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST): इन श्रेणियों के छात्रों को आयु सीमा में 1 वर्ष की छूट प्रदान की जाती है।

आवश्यक दस्तावेज़:

  • बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र: आयु सत्यापन के लिए।

  • जाति प्रमाण पत्र: यदि आप अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC-Non Creamy Layer) या गरीबी रेखा के नीचे (BPL) श्रेणी में आते हैं, तो संबंधित सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र।

  • दिव्यांगता प्रमाण पत्र: दिव्यांग बच्चों के लिए।

  • निवास प्रमाण पत्र: आवेदक के स्थायी पते को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज़।

  • सेवा प्रमाण पत्र: माता-पिता के स्थानांतरण का विवरण जिनकी सेवा श्रेणी (यदि लागू है) का आवेदन पत्र में उपयोग किया जाना है।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:

  1. पंजीकरण:

    • KVS की आधिकारिक वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर जाएं।

    • 'पंजीकरण' लिंक पर क्लिक करें और आवश्यक विवरण भरें। सफल पंजीकरण पर, आपको एक यूनिक लॉगिन कोड प्राप्त होगा। कृपया इस कोड को सुरक्षित रखें।

  2. आवेदन पत्र भरना:

    • प्राप्त लॉगिन कोड का उपयोग करके पोर्टल पर लॉगिन करें।

    • आवश्यक विवरण भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।

    • आप भारत में स्थित तीन अलग-अलग विद्यालयों का चयन बिना प्राथमिकता दिए कर सकते हैं।

    • आवेदन पत्र भरने के बाद, 'आवेदन जमा करें' बटन पर क्लिक करें।

    • सफलतापूर्वक जमा होने पर, आपको एक यूनिक एप्लिकेशन सबमिशन कोड प्राप्त होगा। कृपया इस कोड को सुरक्षित रखें।

महत्वपूर्ण निर्देश:

  • केवीएस मोबाइल ऐप का उपयोग न करें: KVS ने स्पष्ट किया है कि KVS मोबाइल ऐप के माध्यम से किए गए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। केवल आधिकारिक वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in के माध्यम से ही आवेदन करें।

  • एकाधिक आवेदन न करें: एक ही बच्चे के लिए एक ही विद्यालय में कई आवेदन जमा न करें। यदि एक ही केंद्रीय विद्यालय में एक ही बच्चे के लिए कई पंजीकरण फॉर्म जमा किए जाते हैं, तो केवल अंतिम पंजीकरण फॉर्म स्वीकार किया जाएगा।

  • सभी विवरण सही भरें: आवेदन पत्र भरते समय सभी विवरण सही-सही भरें और सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड किए गए हैं।

चयन प्रक्रिया:

  • लॉटरी सिस्टम: कक्षा 1 में प्रवेश का चयन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।

  • आरक्षित श्रेणी के छात्रों को प्राथमिकता: आरक्षित श्रेणियों के छात्रों को चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) और KVS प्रवेश:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, बच्चों को 3-6 साल की उम्र में प्री-स्कूल और 6 साल की उम्र में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए तैयार किया जाता है। इसी के तहत, केंद्रीय विद्यालय ने कक्षा 1 के लिए आयु सीमा को 6 साल तय किया है।

निष्कर्ष:

केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 1 के लिए प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शी और सरल है। यदि आपके बच्चे की आयु 6 वर्ष हो गई है और आप सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार कर चुके हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए, कृपया KVS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

15 March 2025

जाने - टीआरएस कॉलेज Rewa राजनीति में सक्रिय छात्र भी क्यों नहीं बना पा रहे अपनी पहचान

टीआरएस कॉलेज रीवा: राजनीति में सक्रिय छात्र भी क्यों नहीं बना पा रहे अपनी पहचान?

टीआरएस कॉलेज, रीवा, जहां कभी शिक्षा और बौद्धिक विकास का केंद्र हुआ करता था, आज छात्र राजनीति और गुटबाजी का अखाड़ा बन चुका है। इस कॉलेज में पढ़ाई से ज्यादा छात्र संगठनों की आपसी खींचतान, झगड़े और गुटबाजी देखने को मिलती है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि जो छात्र यहां से राजनीति में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, वे भी किसी बड़े स्तर पर पहचान नहीं बना पा रहे हैं

छात्र राजनीति का हाल: केवल दिखावटी सक्रियता

टीआरएस कॉलेज में कई छात्र राजनीतिक संगठनों से जुड़े हुए हैं और उन्हें क्षेत्रीय स्तर पर सक्रिय माना जाता है। लेकिन जब बात किसी बड़े राजनीतिक मुकाम तक पहुंचने की आती है, तो ये छात्र सिर्फ युवा नेताओं तक ही सीमित रह जाते हैं।

  • छात्रों के बीच नेतृत्व क्षमता की कमी देखने को मिलती है।
  • छोटे-मोटे मुद्दों पर प्रदर्शन और विरोध-प्रदर्शन तो होते हैं, लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता।
  • कॉलेज में राजनीति सिर्फ आपसी गुटबाजी और व्यक्तिगत फायदे तक सीमित रह गई है।

बड़े नेताओं की चापलूसी में व्यस्त छात्र

छात्र राजनीति में सक्रिय होने का मतलब यह नहीं कि व्यक्ति वास्तव में जनता का नेता बन जाए। टीआरएस कॉलेज के अधिकांश छात्र नेता बड़े नेताओं की परछाई बने रहते हैं और उनका असली लक्ष्य स्वतंत्र रूप से नेतृत्व करने के बजाय चापलूसी करना बन चुका है।

  • स्वतंत्र राजनीतिक विचारधारा विकसित करने के बजाय बड़े नेताओं की हां में हां मिलाई जाती है।
  • छात्र नेता सिर्फ अपने राजनीतिक आकाओं के इशारों पर काम करते हैं, जिससे वे अपनी अलग पहचान नहीं बना पाते।
  • चुनावी टिकट और राजनीतिक पद पाने की होड़ में खुद की विचारधारा तक नहीं बचा पाते।

छात्र राजनीति का भविष्य: आगे क्या?

अगर टीआरएस कॉलेज के छात्र राजनीति में वास्तविक सफलता पाना चाहते हैं, तो उन्हें खुद को एक स्वतंत्र नेता के रूप में स्थापित करना होगा।

  • स्वतंत्र सोच और विचारधारा विकसित करनी होगी।
  • मुद्दों को गहराई से समझकर सही रणनीति अपनानी होगी।
  • बड़े नेताओं की परछाई बनने के बजाय खुद की राजनीतिक पकड़ मजबूत करनी होगी।

निष्कर्ष: क्या टीआरएस कॉलेज से कोई बड़ा नेता उभरेगा?

इस कॉलेज में राजनीतिक माहौल तो है, लेकिन सही दिशा में नहीं। जब तक छात्र सिर्फ चापलूसी की राजनीति छोड़कर वास्तविक जनहित के मुद्दों पर काम नहीं करेंगे, तब तक वे केवल छोटे स्तर के नेता ही बने रहेंगे। अगर वे स्वतंत्र रूप से सोचने और कार्य करने का साहस दिखाएं, तो टीआरएस कॉलेज से भी भविष्य के बड़े नेता उभर सकते हैं

टीआरएस कॉलेज रीवा: एक संपूर्ण जानकारी | TRS College Rewa: A complete information

टीआरएस कॉलेज रीवा: एक संपूर्ण जानकारी

रीवा, मध्य प्रदेश में स्थित ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (टीआरएस कॉलेज) क्षेत्र का एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है। यह 1944 में स्थापित हुआ था और अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से संबद्ध है। हाल ही में, इस कॉलेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से लगातार तीसरी बार 'A' ग्रेड प्राप्त हुआ है, जो इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता को दर्शाता है।


शैक्षणिक जानकारी

उपलब्ध पाठ्यक्रम

टीआरएस कॉलेज में स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध स्तर पर विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • स्नातक: बीए, बीएससी, बीकॉम
  • स्नातकोत्तर: एमए, एमएससी, एमकॉम
  • अन्य: एम.फिल., पीएचडी

प्रवेश प्रक्रिया

महाविद्यालय में प्रवेश ऑनलाइन माध्यम से होता है। इच्छुक छात्र मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट www.epravesh.nic.in पर पंजीकरण कर सकते हैं और कॉलेज कोड 1302 का चयन कर सकते हैं।


छात्रवृत्ति योजनाएँ

कॉलेज में विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएँ उपलब्ध हैं, जैसे:

  • गाँव की बेटी योजना
  • प्रतिभा किरण योजना
  • विक्रमादित्य योजना

इन योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्रों को सहायता प्रदान की जाती है।


रोजगार और प्लेसमेंट की स्थिति

नौकरी और प्लेसमेंट की स्थिति

भले ही टीआरएस कॉलेज को A ग्रेड प्राप्त है, लेकिन यहां पर प्लेसमेंट की सुविधा नहीं है। कॉलेज के छात्र सरकारी और निजी नौकरियों के लिए अलग से तैयारी करते हैं।

नौकरियों के अवसर (शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पद)

  • पहले सरकारी नियुक्तियाँ होती थीं, लेकिन अब सरकारी पदों पर भर्ती लगभग बंद हो गई है।
  • कॉलेज में टेंपरेरी (संविदा) आधार पर शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों को भरा जाता है।
  • अतिथि व्याख्याताओं और अनुबंध पर कर्मचारियों की भर्ती कभी-कभी की जाती है, लेकिन यह स्थायी रोजगार का अवसर प्रदान नहीं करता।

कॉलेज से जुड़ी विवादित घटनाएँ

  • टीआरएस कॉलेज के छात्र अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं
  • मारपीट और हिंसा जैसी घटनाएँ यहां कई बार देखी गई हैं।
  • छात्रों के बीच गुटबाजी और राजनीति भी देखने को मिलती है।

ऑनलाइन सेवाएँ

कॉलेज की वेबसाइट www.trscollegerewa.org पर विभिन्न ऑनलाइन सेवाएँ उपलब्ध हैं, जैसे:

  • फीस जमा करना
  • परीक्षा फॉर्म भरना
  • प्रोफाइल अपडेट करना

कॉलेज की आधारभूत संरचना और भविष्य की योजनाएँ

  • कॉलेज ने 23 करोड़ रुपये की राशि बचाकर एक नया तीन मंजिला वाणिज्य भवन बनाने की योजना बनाई है।
  • इस नए भवन से लगभग 15,000 छात्रों को एक साथ पढ़ाई करने की सुविधा मिलेगी।

संपर्क जानकारी

  • पता: सिविल लाइन्स, राजनिवास मार्ग, रीवा - 486001
  • फोन: 07662-252670
  • फैक्स: 07662-252694
  • वेबसाइट: www.trscollegerewa.org

निष्कर्ष

टीआरएस कॉलेज रीवा और विंध्य क्षेत्र के छात्रों के लिए एक प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थान है। हालांकि, यहां नौकरी के अवसर सीमित हैं और प्लेसमेंट की कोई विशेष सुविधा नहीं है। इसके अलावा, कॉलेज में छात्र विवाद और हिंसा की घटनाएँ भी होती रहती हैं। जो छात्र यहां से शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें नौकरी और प्लेसमेंट की वैकल्पिक योजनाएँ पहले से बना लेनी चाहिए।

02 March 2025

kv admission जानकारी - 2025-26 केवीएस प्रवेश प्रक्रिया: पूरी जानकारी

2025-26 केवीएस प्रवेश प्रक्रिया: पूरी जानकारी

2025-26 के लिए केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर उपलब्ध होगी। यह प्रक्रिया आमतौर पर अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होती है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • आवेदन शुल्क: 2025-26 के लिए केवीएस ऑनलाइन प्रवेश फॉर्म भरने के लिए कोई शुल्क नहीं है। यह सेवा निःशुल्क प्रदान की जाती है।
  • आवेदन की तिथियाँ: आवेदन प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। सटीक तिथियों के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट की जांच करें।
  • पात्रता मानदंड: प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड (जैसे आयु, दस्तावेज़, और श्रेणी) आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। इन्हें ध्यान से पढ़ें और समझें।
  • आवश्यक दस्तावेज़: आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज़ (जैसे जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और फोटो) तैयार रखें।
  • प्रवेश प्रक्रिया: प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, और इसमें आवेदन फॉर्म भरना, दस्तावेज़ अपलोड करना और सबमिट करना शामिल है।
  • चयन प्रक्रिया: चयन मानदंड (जैसे सीटों की उपलब्धता और आरक्षण नीति) के अनुसार किया जाएगा।

सभी अपडेट और विस्तृत जानकारी के लिए kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर नियमित रूप से विजिट करें।

13 January 2025

Ladli Behna Yojna 20th Installment 2025 : लाडली बहना योजना की 20वी किस्त तिथि जारी, जाने कब आयगा पैसा

Ladli Behna Yojna 20th Installment 2025 : लाडली बहना योजना की 20वी किस्त तिथि जारी, जाने कब आयगा पैसा - e4you 

लाडली बहना योजना, जो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही है, इस योजना ने लाखों महिलाओं को राहत और समर्थन प्रदान किया है। लाडली बहना योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई थी, और यह आज भी लाखों महिलाओं की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला रही है।

अब महिलाओं को जनवरी 2025 की 20वीं किस्त को लेकर बड़ी उत्सुकता है। आमतौर पर, यह सहायता राशि हर महीने की 10 तारीख को खातों में जमा की जाती है, लेकिन इस बार किस्त जारी होने की तारीख को लेकर संशय बना हुआ है। जो कि, इस क़िस्त से संबंधित ताजा जानकारी आपको यहाँ पर मिलने वाली हैं।

Ladli Behna Yojna 20th Installment 2025

लाडली बहना योजना की 20वीं किस्त को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता का बेसब्री से इंतजार कर रही बहनों के लिए महत्वपूर्ण सूचना दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 8 जनवरी 2025 से संबंधित प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार, इस बार 1.26 करोड़ महिलाओं को सहायता राशि मिलेगी, जबकि लगभग 1.63 लाख महिलाएं योजना से बाहर हो गई हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को इस बार अपात्र माना गया है। 20वीं किस्त की राशि का वितरण 12 जनवरी को शाजापुर जिले के काला पीपल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा, जिसके तहत धनराशि सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

Ladli Behna Yojna 20th Installment 2025 : पैसा कब आएगा?

लाड़ली बहना योजना की 20वीं किस्त इस बार निर्धारित तारीख से थोड़ा विलंबित होकर जारी की जाएगी। पिछली बार की तरह, जब दिसंबर 2024 की किस्त 11 दिसंबर को ट्रांसफर की गई थी, इस बार भी राशि 12 जनवरी 2025 को लाभार्थियों के खातों में जमा की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार मकर संक्रांति के अवसर पर महिला सशक्तिकरण को समर्पित एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी। इस आयोजन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए चार प्रमुख वर्गों- गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के उत्थान के विजन को साकार करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

Ladli Behna Yojna 20th Installment 2025 : कितना पैसा मिलेगा?

लाड़ली बहना योजना के तहत शुरुआत में महिलाओं को प्रतिमाह ₹1000 की सहायता राशि दी जाती थी। बाद में, इस राशि को बढ़ाकर ₹1250 कर दिया गया। अब 12 जनवरी 2025 को जारी होने वाली 20वीं किस्त में भी लाभार्थी महिलाओं को ₹1250 की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि सरकार द्वारा सिंगल क्लिक प्रणाली के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। इस बार राशि वितरण का विशेष कार्यक्रम शाजापुर जिले के काला पीपल में आयोजित किया जाएगा।

How to Check Ladli Behna Yojana 20th Installment 2025 Status?

लाड़ली बहना योजना की किस्त की स्थिति चेक करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:-

  • सबसे पहले, लाड़ली बहना योजना के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करें।
  • होमपेज पर जाकर मेनू बार विकल्प को चुनें।
  • नए पेज पर “आवेदन की स्थिति” विकल्प पर क्लिक करें।
  • समग्र आईडी और आवेदन संख्या दर्ज करें।
  • इसके बाद अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर भरें।
  • “ओटीपी भेजें” पर क्लिक करें।
  • प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और “खोज” बटन पर क्लिक करें।
  • आपकी स्क्रीन पर आवेदन और किस्त की स्थिति का विवरण प्रदर्शित होगा।

यह प्रक्रिया सरल और सहज है, जिससे आप आसानी से अपनी किस्त की स्थिति जान सकते हैं।

Ladli Behna Yojna 20th Installment 2025 : मकर संक्रांति उपहार क्या मिलेगा?

मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक विकास के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मकर संक्रांति 2025 के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं के लिए विशेष उपहार और प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि रेडीमेड गारमेंट सहित अन्य उद्योगों में महिला-आधारित श्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, प्रत्येक महिला श्रमिक को ₹5000 का प्रोत्साहन राशि (इंसेटिव) प्रदान करने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही, रेडीमेड गारमेंट उद्योग पर आधारित कई नए कारखानों की स्थापना की जा रही है, जिनमें से कुछ का संचालन पहले ही शुरू हो चुका है।

FAQs –

लाड़ली बहना योजना की 20वीं किस्त कब जारी होगी?

20वीं किस्त 12 जनवरी 2025 को लाभार्थी महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

क्या 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं योजना में पात्र हैं?

नहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को इस योजना के तहत अपात्र घोषित किया गया है।

मकर संक्रांति पर आयोजित कार्यक्रम कहां होगा?

मकर संक्रांति से जुड़े विशेष कार्यक्रम शाजापुर जिले के काला पीपल में आयोजित किए जाएंगे।

06 January 2025

#रीवा रानी तालाब प्रसिद्ध देवी मंदिर में 5 जनवरी के ठंड में हिंदूधर्म के कान छेदन और मुंडन संस्कार | Ear piercing and tonsure ceremony

पौष मास की छठ: रीवा के रानी तालाब में कान छेदन और मुंडन संस्कार का महत्व

आज 5 जनवरी 2025 है, और यह पौष मास की छठ का पावन दिन है। रीवा में इस अवसर पर हिंदू धर्म के दो प्रमुख संस्कार, कान छेदन और मुंडन संस्कार, बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ किए जाते हैं। यह दृश्य रीवा के प्रसिद्ध रानी तालाब मंदिर का है, जो एक सुंदर तालाब और ऐतिहासिक धरोहरों से घिरा हुआ है। रानी तालाब के पास रीवा का किला और लक्ष्मण बाग मंदिर भी स्थित हैं, जो इस स्थान को और भी विशेष बनाते हैं।

हिंदू धर्म में इन दोनों संस्कारों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इनका संबंध व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास से जुड़ा होता है। आइए, इन संस्कारों के धार्मिक, आयुर्वेदिक, और सांस्कृतिक महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

कान छेदन संस्कार (कर्ण वेध)

धार्मिक महत्व

कान छेदन हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है। इसे शुभ माना जाता है और यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह संस्कार शरीर के ऊर्जा केंद्रों (मेरिडियन पॉइंट्स) को सक्रिय करता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक महत्व

आयुर्वेद के अनुसार, कान छेदन से शरीर की नाड़ियों में सुधार होता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह शारीरिक विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक है।

  • लड़कियों के लिए यह स्वास्थ्य लाभ और सौंदर्य का प्रतीक है।
  • लड़कों में इसे परंपरा और अनुशासन से जोड़ा जाता है।

सांस्कृतिक पहलू

कान छेदन बच्चों में धैर्य और सहनशीलता का विकास करता है। इसे आमतौर पर पौष मास जैसे शुभ समय में किया जाता है।

मुंडन संस्कार (चूड़ाकरण)

धार्मिक महत्व

मुंडन संस्कार, जिसे चूड़ाकरण संस्कार भी कहा जाता है, शिशु के पहले या तीसरे वर्ष में किया जाता है। यह भी 16 प्रमुख संस्कारों में शामिल है। यह संस्कार बच्चे के पुराने कर्मों और बुरे प्रभावों को दूर करने का प्रतीक है। मुंडन के बाद बच्चे का सिर भगवान को समर्पित माना जाता है, जो शुद्धिकरण का प्रतीक है। यह संस्कार आमतौर पर मंदिरों या किसी पवित्र स्थान पर किया जाता है।

आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक महत्व

मुंडन से शिशु के सिर पर जमी गंदगी और बालों को हटाने से खोपड़ी का विकास बेहतर होता है। इससे बालों की गुणवत्ता में सुधार होता है और सिर को ठंडक मिलती है।

सांस्कृतिक पहलू

मुंडन संस्कार परिवार और समाज के साथ बच्चे का जुड़ाव मजबूत करता है। इसे शुभ अवसर के रूप में मनाया जाता है, जिसमें परिवार और रिश्तेदार शामिल होते हैं।

संक्षेप में

कान छेदन और मुंडन संस्कार केवल धार्मिक परंपराएं नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक और सांस्कृतिक उद्देश्य भी हैं। हिंदू धर्म में इनका उद्देश्य बच्चे को जीवन के शुरुआती चरण में शुभता, स्वास्थ्य, और अनुशासन की ओर प्रेरित करना है।

इस दिन रानी तालाब जैसे पवित्र स्थान पर इन संस्कारों को संपन्न होते देखना एक अद्भुत अनुभव है। यह हमें हमारी परंपराओं की गहराई और उनके वैज्ञानिक आधार का एहसास कराता है।

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जय हिंद, जय भारत।

03 January 2025

श्रमोदय आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2025 - 26

श्रमोदय आवासीय विद्यालय: आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक कदम

नमस्कार! आज हम बात करेंगे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित श्रमोदय आवासीय विद्यालयों के बारे में, जो पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

विद्यालयों की संख्या और कक्षाएं

मध्यप्रदेश में चार श्रमोदय आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जो भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में स्थित हैं। इन विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। प्रत्येक कक्षा में चार सेक्शन होते हैं, और प्रत्येक सेक्शन में 40 सीटें उपलब्ध हैं।

प्रवेश प्रक्रिया

  • पात्रता: केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चे, जिनका श्रमिक पंजीयन कार्ड वैध है और जिसमें आवेदक बच्चे का नाम सम्मिलित है, आवेदन कर सकते हैं।
  • प्रवेश परीक्षा: कक्षा 6वीं से 9वीं में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। परीक्षा का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों है, और प्रश्न बहुविकल्पीय होते हैं।
  • आवेदन प्रक्रिया: आवेदन निशुल्क है और ऑनलाइन भरे जा सकते हैं। आवेदन करते समय श्रमिक कार्डधारी की समग्र आईडी और आवेदक बच्चे की समग्र सदस्य आईडी की आवश्यकता होती है।

विशेषताएं

  • निशुल्क शिक्षा: विद्यार्थियों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है।
  • सर्वांगीण विकास: शारीरिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, और नैतिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  • उच्च स्तरीय अधोसंरचना: आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवासीय विद्यालय परिसर उपलब्ध हैं।

महत्वपूर्ण तिथियां

परीक्षा तिथि: आगामी सत्र के लिए परीक्षा तिथि और आवेदन की अंतिम तिथि की जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट चेक करें।

संपर्क जानकारी

अधिक जानकारी और आवेदन के लिए श्रमोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: labour.mp.gov.in

अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं और उन्हें श्रमोदय आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाएं। धन्यवाद!

02 January 2025

पोहा रेसिपी: मध्य प्रदेश का सुप्रसिद्ध स्वादिष्ट और हेल्दी नाश्ता #poha

पोहा रेसिपी: स्वादिष्ट और हेल्दी नाश्ता

पोहा भारत के सबसे लोकप्रिय नाश्तों में से एक है। इसे जल्दी और आसानी से तैयार किया जा सकता है। मध्य प्रदेश के इंदौर का पोहा देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन आज हम आपको रीवा स्टाइल पोहा बनाने की रेसिपी बताएंगे।

पोहा बनाने के लिए सामग्री

  • पोहा: 250 ग्राम
  • सरसों का तेल: 2 टेबलस्पून
  • मूंगफली: 2 टेबलस्पून
  • जीरा: 1 टीस्पून
  • राई (सरसों के दाने): 1 टीस्पून
  • करी पत्ता: 6-8 पत्ते
  • आलू: 1 मध्यम आकार का (कटा हुआ)
  • प्याज: 1 मध्यम आकार का (कटा हुआ)
  • हल्दी पाउडर: 1/2 टीस्पून
  • नमक: स्वादानुसार
  • हरा धनिया: 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)
  • हरी मिर्च: 1-2 (इच्छानुसार)

पोहा बनाने की विधि

1. पोहा धोना

250 ग्राम पोहा लें और इसे दो-तीन बार हल्के पानी से धो लें। ध्यान रखें कि इसे ज्यादा देर तक पानी में न रखें, क्योंकि इससे पोहा चिपकने लगता है। पानी निकालकर इसे अलग रख दें।

2. मूंगफली तलना

एक कढ़ाई में सरसों का तेल गरम करें और उसमें मूंगफली डालकर सुनहरा होने तक तल लें। तली हुई मूंगफली को निकालकर अलग रख दें।

3. तड़का लगाना

उसी तेल में जीरा और राई डालें। जब राई चटकने लगे, तो उसमें करी पत्ता डालें। इसे हल्का भून लें।

4. सब्जियां भूनना

अब कटे हुए आलू और प्याज डालें। इन्हें तब तक भूनें, जब तक आलू सॉफ्ट और प्याज हल्का सुनहरा न हो जाए।

5. मसाले डालना

भुनी हुई सब्जियों में हल्दी और नमक डालें। इसे अच्छी तरह मिक्स करें और 1-2 मिनट तक पकाएं।

6. पोहा मिलाना

अब पहले से धोया हुआ पोहा कढ़ाई में डालें और सब्जियों के साथ अच्छी तरह मिक्स करें। अगर आप तीखा पसंद करते हैं, तो इसमें बारीक कटी हरी मिर्च भी डाल सकते हैं।

7. धनिया डालकर परोसें

आखिर में, कटा हुआ हरा धनिया डालें और पोहे को प्लेट में निकाल लें। इसे टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ परोसें।

टिप्स:

  • अगर आप बच्चों के लिए पोहा बना रहे हैं, तो हरी मिर्च न डालें।
  • मूंगफली न चाहें तो इसे छोड़ सकते हैं और ऊपर से नमकीन डाल सकते हैं।
  • पोहा को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें कद्दूकस किया हुआ नारियल भी डाल सकते हैं।

निष्कर्ष

यह पोहा रेसिपी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि हेल्दी भी है। इसे बनाना बेहद आसान है और इसे नाश्ते में या शाम के हल्के खाने के लिए परोसा जा सकता है। तो आज ही इसे बनाएं और अपने परिवार को खुश करें!

01 January 2025

सुबह का स्वादिष्ट और हेल्दी नाश्ता: सूजी पिज्जा रेसिपी #pizza

सुबह का स्वादिष्ट और हेल्दी नाश्ता: सूजी पिज्जा रेसिपी

आज की इस रेसिपी में हम 5 मिनट में तैयार होने वाले स्वादिष्ट और हेल्दी नाश्ते की विधि बताएंगे। यह रेसिपी खासतौर पर बच्चों के लिए बनाई गई है, जिसे "सूजी पिज्जा" कहा जाता है। आइए, इसे बनाने की विधि जानें:

सामग्री:

  • सूजी (रवा) - 1 कटोरी
  • माठा (छाछ) - 1 कटोरी
  • टमाटर - 2 (बारीक कटे हुए)
  • प्याज - 1 (बारीक कटा हुआ)
  • हरी धनिया पत्ती - 1 बड़ा चम्मच
  • मीठा सोडा - 1/4 चम्मच
  • नमक - स्वादानुसार
  • कुकिंग ऑयल या घी - आवश्यकतानुसार

बनाने की विधि:

1. सूजी और माठा का घोल तैयार करें

सबसे पहले सूजी को एक बड़े बर्तन में डालें। इसमें माठा मिलाकर अच्छे से घोल लें। इस मिश्रण को 15 मिनट तक फूलने के लिए छोड़ दें।

2. सब्जियां तैयार करें

15 मिनट बाद मिश्रण में अपनी पसंदीदा सब्जियां जैसे टमाटर, प्याज, और हरी धनिया मिलाएं। यदि बच्चों के लिए बना रहे हैं, तो हरी मिर्च न डालें।

3. मिश्रण में मीठा सोडा डालें

फूले हुए मिश्रण को हल्का चलाएं और उसमें मीठा सोडा डालकर अच्छे से मिलाएं। मीठा सोडा से नाश्ता नरम और फूला हुआ बनता है।

4. तवा तैयार करें

एक नॉन-स्टिक तवा गरम करें और उसमें थोड़ा सा ऑयल लगाएं। ऑयल लगाकर सुनिश्चित करें कि मिश्रण तवे पर चिपके नहीं।

5. पिज्जा शेप में फैलाएं

तैयार मिश्रण को तवे पर डालें और गोल पिज्जा के आकार में फैलाएं। इसे धीमी आंच पर दोनों तरफ से अच्छे से सेकें।

6. हेल्दी नाश्ता तैयार

सेकते समय थोड़ा-थोड़ा ऑयल डालें, ताकि यह ज्यादा ऑयली न हो। इसे टोमेटो सॉस या चटनी के साथ परोसें।

नोट्स:

  • एक कटोरी सूजी से आप 4 छोटे पिज्जा बना सकते हैं।
  • यदि मीठा पिज्जा बनाना चाहें, तो मिश्रण में नमक की जगह चीनी डालें।
  • बच्चों के टिफिन के लिए यह नाश्ता बहुत बढ़िया विकल्प है।

नाश्ते का फायदा:

यह सूजी पिज्जा न केवल स्वादिष्ट है बल्कि पिज्जा जैसा अनुभव भी देता है। इसे बच्चों के लिए खासतौर पर पिज्जा कहकर पेश करें, ताकि वे इसे मजे से खाएं। यह पिज्जा बाजार के पिज्जा से ज्यादा हेल्दी और पौष्टिक है।

थैंक यू फॉर रीडिंग! इसे ट्राई करें और अपनी प्रतिक्रिया कमेंट में जरूर बताएं। 

22 December 2024

पिता जी से घर और जमीन बंटवारे के नियम | Rules for dividing house and land from father

पिता जी से घर और जमीन बंटवारे के नियम

पिता जी से घर और जमीन के बंटवारे का मुद्दा संवेदनशील है। इसे सुलझाने के लिए आपसी सहमति और स्पष्ट नियम बनाना आवश्यक है। नीचे ऐसे नियम दिए गए हैं जिन्हें आप परिवार की बैठक में सहमति से लागू कर सकते हैं:

बंटवारे के नियम:

  1. पारिवारिक बैठक: सभी भाई, पिता जी और परिवार के अन्य बड़े सदस्य मिलकर एक बैठक आयोजित करें। चर्चा शांतिपूर्ण और न्यायसंगत तरीके से होनी चाहिए।
  2. कानूनी दस्तावेज: बंटवारे के लिए कानूनी कागजात और संपत्ति के सभी दस्तावेज तैयार रखें। अगर जरूरत हो तो किसी वकील या संपत्ति विशेषज्ञ से मदद लें।
  3. संपत्ति का मूल्यांकन: जमीन और घर का बाजार मूल्य निष्पक्ष तरीके से तय करें। इसके लिए एक अधिकृत मूल्यांकनकर्ता की मदद लें।
  4. बराबर का हिस्सा: सभी भाइयों को बराबर का हिस्सा दिया जाए। अगर संपत्ति बराबर नहीं बंट सकती, तो मुआवजे के रूप में नकद राशि का प्रावधान करें।
  5. लिखित समझौता: सभी पक्षों की सहमति से बंटवारे का एक लिखित समझौता तैयार करें। समझौते पर सभी की सहमति और हस्ताक्षर होने चाहिए।
  6. पिता की प्राथमिकता: बंटवारे में पिता की इच्छाओं और जरूरतों को प्राथमिकता दें। सुनिश्चित करें कि पिता जी को उनकी जरूरतों के अनुसार पूरा सम्मान और सहारा मिले।
  7. जिम्मेदारियों का विभाजन: संपत्ति के साथ जुड़े खर्चे, जैसे देखभाल, मरम्मत आदि, की जिम्मेदारी भी तय करें।
  8. सहायता और सलाह: विवाद को रोकने के लिए आपसी सहमति न बनने पर मध्यस्थ (Mediator) की मदद लें। पंचायत, वकील, या संपत्ति विशेषज्ञ की सलाह लें।
  9. भविष्य की शर्तें: बंटवारे के बाद कोई विवाद न हो, इसके लिए सभी पक्ष भविष्य में किसी भी दावे से संबंधित सहमति दें।
  10. पिता का हिस्सा अलग रखें: पिता जी के लिए संपत्ति का एक हिस्सा अलग रखें, जिससे उनका सम्मान बना रहे और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।

नोट: इन नियमों को लागू करने से पहले सभी भाइयों और पिता जी की सहमति और हस्ताक्षर ज़रूरी हैं। अगर मामला अधिक जटिल हो, तो कोर्ट से सहायता लें।

22 November 2024

मध्य प्रदेश में किसान पहचान हेतु फार्मर आईडी आवश्यक | Farmer ID Mandatory for Farmer Identification in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में किसान पहचान हेतु फार्मर आईडी आवश्यक

मध्य प्रदेश सरकार किसानों को विशिष्ट पहचान देने के लिए फार्मर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। यह रजिस्ट्रेशन केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राज्य के किसानों को 11 अंकों की विशिष्ट पहचान (Farmer ID) प्रदान करेगा। यह आईडी विभिन्न कृषि योजनाओं और लाभों का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य होगी।

फार्मर आईडी की आवश्यकता:

  • किसान सम्मान निधि और किसान कल्याण निधि योजनाओं का लाभ दिसंबर के बाद केवल फार्मर आईडी धारक किसानों को मिलेगा।
  • किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय भी फार्मर आईडी अनिवार्य होगी।
  • जमीनों के क्रय-विक्रय में भी फार्मर आईडी आवश्यक होगी।
  • इसके अतिरिक्त, अन्य कृषि योजनाओं में फार्मर आईडी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

कैसे करें आवेदन?

किसानों को ग्राम पटवारी, पटवारी सहायक (क्रॉप सर्वेयर), या नजदीकी CSC सेंटर जाकर फार्मर आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

आवश्यक दस्तावेज़:

  • खसरा नंबर सभी
  • आधार कार्ड
  • समग्र आईडी
  • आधार से लिंक मोबाइल नंबर

किसानों से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द अपनी फार्मर आईडी बनवाएं ताकि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।