23 December 2023

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु 8 जनवरी तक होंगे ऑनलाइन आवेदन - Eklavya Model Residential Schools

Eklavya Model Residential Schools Admission Online Application: एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु 8 जनवरी तक होंगे ऑनलाइन आवेदन

Eklavya Model Residential Schools Admission Online Application: जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं की 8447 सीटों की प्रवेश परीक्षा के लिए 8 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे।

Eklavya Model Residential Schools Admission Online Application: जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं की 8447 सीटों की प्रवेश परीक्षा के लिए 8 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। 11 फरवरी 2024 को सुबह 10 बजे होने वाली परीक्षा के लिए 29 जनवरी से प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जा सकेंगे। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन प्रदेश में संचालित 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 6वीं कक्षा में 1795 बालकों एवं 1820 बालिकाओं सहित कुल 3615 सीटें हैं। वहीं, प्रदेश के 81 कन्या शिक्षा परिसरों में कुल 4552 बालिकाओं और 8 आदर्श आवासीय विद्यालयों में कुल 280 सीटें उपलब्ध हैं। मेरिट सूची में चयनित होने एवं न्यूनतम योग्यता पाने वाले विद्यार्थी अपने विकल्प के अनुसार विद्यालयों में रिक्त सीट के विरुद्ध प्रवेश के लिये पात्र होंगे। विभागीय वेबसाइट https://www.tribal.mp.gov.in/MPTAAS पर ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।

पी.वी.टी.जी. व कोविड में माता-पिता को खो चुके विद्यार्थियों हेतु आरक्षण

इन विद्यालयों में प्रवेश हेतु विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया), विमुक्त जनजातियां और घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ समुदाय के विद्यार्थियों के लिये सीटें आरक्षित की गईं हैं। साथ ही वे बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता को वामपंथी उग्रवाद/उग्रवाद या कोविड आदि के कारण खो दिया है, उनके लिए भी सीटें आरक्षित रखी गई हैं। विधवा महिला की संतान, दिव्यांग माता-पिता की संतान, अनाथ या भूमिदाता वर्ग (जिन्होंने विद्यालय भवन के निर्माण के लिए भूमि दान की हो) के विद्यार्थियों के लिए भी सीटें आरक्षित की गईं हैं।

विभाग द्वारा इन विशिष्ट आवासीय विद्यालयों का संचालन प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिलों व विकासखंडों में विशेष रूप से किया जाता है। विभाग की मध्यप्रदेश स्पेशल एण्ड रेसीडेंशियल एकेडमिक सोसायटी (एमपीसरस) के अधीन ये संस्थान संचालित किये जाते है।

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