काशी के संतों ने की 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग, बोले- देश में मनेगा त्यौहार
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. 22 जनवरी को पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. साधु-संतों से लेकर राम भक्तों में मंदिर के उद्घाटन को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस बीच काशी के संतों ने मांग की है कि 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए.
अयोध्या में 15 जनवरी से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. निर्धारित 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर धर्म नगरी काशी में भी उत्साह देखा जा रहा है. इसी कड़ी में काशी के संतों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से बड़ा आह्वान करते हुए कहा है कि 22 जनवरी को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए, जिसके माध्यम से लोग अपने घरों में बैठकर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम को उनकी जन्मभूमि पर विराजते हुए देख पाए.
सभी को प्राप्त हो भगवान राम का दर्शन
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि हम सभी सनातनी भाग्यशाली हैं कि हमें ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. 500 वर्षों से चले आ रहे कड़े संघर्ष के बाद सभी सनातन संस्कृति के लोग इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेंगे. 22 जनवरी की तिथि हम सभी के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण तिथि है.
उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ-साथ हम संतों का भी मानना है कि इस मनमोहक पल के साक्षी सभी देशवासी बने और उन्हें प्रभु राम के दर्शन करने का अवसर प्राप्त हो. इसलिए हम प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार से 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग करते हैं.
दीपोत्सव के साथ-साथ घर बैठ कर सकेंगे आरती
काशी के संतों ने यह भी कहा कि 22 जनवरी को पूरे देश में दीपोत्सव मनाया जाएगा. जगह-जगह प्रभु राम के नाम का दीप जलेगा. लाखों की संख्या में लोग अयोध्या पहुंचेंगे, लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे. इसलिए उन्हें टीवी, डिजिटल व अन्य तकनीकी माध्यम से भी प्रभु राम का दर्शन प्राप्त हो सकेगा. इसलिए आवश्यकता है कि 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित हो. जिसके माध्यम से परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर प्रभु राम का दर्शन कर सके और उनकी आरती कर सकें.