13 November 2023

फूलों की खेती पर 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी, किसानों को यहां करना होगा आवेदन - kheti news

Kheti News: फूलों की खेती पर 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी, किसानों को यहां करना होगा आवेदन

किसान गेंदे और ग्लोडियस फूलों की खेती से प्रति एकड़ लाखों की कमाई कर सकते हैं. ये पौधे 60-70 दिनों में तैयार हो जाते हैं. वहीं, प्रति हेक्टेयर इनकी पैदावार की बात करें तो यह 20 से 25 टन तक फूलों का उत्पादन करते हैं. जिसमें किसानों का 2 से 3 लाख तक का मुनाफा होता है.

पांरपरिक फसलों में कम होते मुनाफे को देखते हुए किसान अब बागवानी की फसलों की खेती की तरफ रूख कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने फूलों की खेती में भी भारी दिलचस्पी दिखानी शुरू की है. ऐसे में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने गेंदा और ग्लेडियोलस की खेती के लिए 70 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का फैसला लिया है. 

इतनी मिलती है सब्सिडी

बिहार सरकार ने गेंदा और ग्लेडियोलस दोनों ही फूलों की खेती के लिए अनुदान की राशि को अलग-अलग तय किया है. राज्य सरकार ने किसानों को गेंदा की खेती पर प्रति हेक्टेयर लागत 40 हजार रुपये तय किया है. इस पर पर 70 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दी जाएगी जो 28 हजार रुपये के बराबर है. वहीं,  ग्लेडियोलस की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत एक लाख सात रुपये मानी गई है, जिस पर राज्य सरकार 75 हजार का अनुदान किसानों को दे

लाखों में पहुंच सकता है किसानों का मुनाफा

किसान इन फूलों की खेती से प्रति एकड़ लाखों की कमाई कर सकते हैं. ये पौधे 60-70 दिनों में तैयार हो जाते हैं. वहीं, प्रति हेक्टेयर इनकी पैदावार की बात करें तो यह 20 से 25 टन तक फूलों का उत्पादन करते हैं. जिसमें किसानों का 2 से 3 लाख तक का मुनाफा होता है. त्योहारी सीजन में ये मुनाफा और बढ़ जाता है. यह कमाई 4-5 लाख रुपये तक पहुंच जाती है. 

गेंदे के फूलों की खासियत

गेंदे के फूल की पत्तियों में औषधीय गुण समाहित होते हैं, ऐसे में इसे पशुओं के द्वारा खराब भी नहीं किया जाता है. साथ ही इनके पौधों पर लाल मकड़ी के अलावा कोई कीट भी नहीं लगता है. ऐसे में अन्य फसलों के मुकाबले इसके रख-रखाव में कोई दिक्कत नहीं होती है. इसके पौधे लगाने से मिट्टी के अंदर लगने वाली कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं.

ग्लेडियोलस के फूलों की खासियत

ग्लेडियोलस के फूलों का इस्तेमाल कट फ्लॉवर्स, क्यारियों, बॉर्डर, बागों और गमलों की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस फूल के लिए गर्म जलवायु को सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए लगभग 16 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान अच्छा माना जाता है.