शादी के लिए कुंडली मिलान सही नहीं, सही तरीका है बिना बुखार लड़के और लड़की के शरीर का तापमान का मिलान
हमारे देश में बहुत पुराने समय से हिंदू समाज में एक सभ्यता है की शादी से पहले कुंडली का मिलान किया जाता है जो की सही मायने में कभी सफल नहीं हुआ है कुंडली मैच कर भी जाए लेकिन जीवन में समस्याएं बनी रहती हैं इसका मुख्य कारण है तापमान का मिलन ना करना।
शरीर के तापमान पर आधारित यह आर्टिकल बहुत ही महत्वपूर्ण है वैवाहिक सुखी जीवन के लिए कुंडली मिलान के बाद थर्मामीटर से तापमान मिलान करें तापमान मिलन की पूरी प्रक्रिया नीचे आर्टिकल में दी गई है पूरा आर्टिकल पढ़ने पर आपको समस्या का समाधान मिल जाएगा ........
नोट - इस आर्टिकल में मैं कुंडली मिलान को गलत नहीं कह रहा हो सकता है कि वर्तमान में जो कुंडली मिलान करने का तरीका है उसमें तापमान का सही गणना नहीं की जा रही है, इसलिए गलत कुंडली मिलन की जा रही है हो सकता है पहले कुंडली मिलान सही रहा हो इसलिए मैं कुंडली मिलान सही है या गलत इस पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं.
लड़के लड़की के शरीर के तापमान मिलन से क्या तात्पर्य है समझे
लड़के लड़की के शरीर के तापमान का मिलन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि तापमान मैच नहीं करता है तो बहुत सारी समस्याएं होंगी और बहुत सारे स्वभाव परिवर्तन देखने को मिलते हैं मैं उदाहरण के तौर पर नीचे कई बिंदुओं पर चर्चा कर रहा हूं जिससे कि आपको यह बात स्पष्ट हो जाएगी कि लड़के और लड़की की शरीर के तापमान का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है ....
बिंदुओं के आधार पर बात करने के पहले हम तापमान के विज्ञान को समझते हैं जब हमारे शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से अधिक होता है तब हमें ठंड महसूस होती है और जब हमारे शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से कम होता है तो हमें गर्मी महसूस होती है जैसा कि आपने देखा होगा कि गर्मियों में वातावरण का टेंपरेचर मानव शरीर के सामान्य टेंपरेचर 37 डिग्री से अधिक चला जाता है इसलिए हमारे शरीर को गर्मी लगती है और ठंडियों में तापमान 37 डिग्री से नीचे रहता है इसलिए हमें ठंडी लगती है
अब हम बात करेंगे अलग अलग शरीर तापमान के होने से क्या प्रभाव पड़ेंगे
- पहली समस्या जब लड़के को ठंड लग रही होगी उसे समय लड़की पंखा चलाएगी तो लड़के को और अधिक ठंड लगेगी , यहां पर लड़की की भी गलती नहीं है क्योंकि उसे गर्मी लग रही है और लड़के के भी गलती नहीं है क्योंकि उसे ठंड लग रही है यह समस्या इसलिए उपज है कि कुंडली मिलान के बजाय तापमान मिलन नहीं किया गया। इस समस्या से निपटने का केवल एक ही उपाय होगा कि दोनों अलग-अलग कमरे में रहे यदि एक ही कमरा हो तो दोनों मे लड़ाई सुरू हो जाती है ।
- पति-पत्नी के शरीर का तापमान एक जैसे न होने पर कई अन्य समस्या भी होती है - जब शरीर का तापमान अलग-अलग होता है तो शरीर की अन्य गतिविधियां भी अलग-अलग तरह से काम करती हैं खाने-पीने से लेकर उठने बैठने सोने सभी तरीके अलग होते हैं जो कि पहले सामान्य तौर पर देखने पर पता नहीं चलता है लेकिन शरीर के तापमान पर यह सब भी निर्भर करता है।
- जिस समय शरीर को ठंड लग रही होती है उसे समय उसे गर्म चीज खाने की इच्छा हो सकती है इस समय यदि किसी को गर्मी लग रही है तो उसे ठंड चीज खाने की इच्छा हो सकती है, अब आप ही सोचे यदि पत्नी को गर्मी लग रही हो और पति को ठंड लग रही हो उस समय पत्नी पति को क्या खाने के लिए बनाएगी।
- कुल मिलाकर शरीर का तापमान मैच न करने पर कई समस्याएं आती हैं इसलिए शरीर का तापमान बराबर होना आवश्यक है। विज्ञान के लिए भी यह रिसर्च का विषय है कि किसी भी एक वातावरण में कई इंसानों के शरीर के तापमान को बराबर कैसे किया जा सकता है
हमारे हिंदू समाज में बीमारियों का मेडिकल टेस्ट करने की परंपरा नहीं है लेकिन यह भी आवश्यक है लड़के और लड़कियों के शादी विवाह में मेडिकल टेस्ट आवश्यक है जैसे की बहुत सारी बीमारियां पहले से होती है और शादी होते ही समस्या, इन समस्याओं से बचने के लिए बीमारी का पता होना आवश्यक है।