खुशखबरी : CM का वनकर्मियों को बड़ा तोहफा-भत्तों का ऐलान, अनुग्रह राशि भी बढ़ाई, अब खाते में आएगी इतनी राशि
Forest Employees Allowances : मप्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार द्वाराहर वर्ग को सौगातों को देने का सिलसिला जारी है। सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों,संविदाकर्मियों, डॉक्टरों, अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों के बाद अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वन कर्मचारियों को कई बड़ी सौगातें दी है।सीएम ने वन कर्मियों का 5 हजार रुपए वर्दी भत्ता और 1000 रुपए पौष्टिक आहार भत्ता देने का ऐलान किया है। वही घोषणा की है कि वन और वन्य-प्राणियों की सुरक्षा में शहीदों के परिवारों को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए अनुग्रह राशि दी जाएगी
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर राज्य वन शहीद स्मारक के लोकार्पण के दौरान कहा कि वन और वन्य-प्राणियों की सुरक्षा में शहीद होने वाले वन विभाग के कर्मचारियों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए की जाएगी। वन विभाग के अमले को 5 हजार रुपए वर्दी भत्ता और 1000 रुपए का पौष्टिक आहार भत्ता भी दिया जाएगा।
अल्प वेतन भोगी और अनियमित कर्मियों की जल्द बुलाएंगे बैठक
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सीएम चौहान ने कहा कि वन विभाग के महावत, कटर जैसे अल्प वेतन भोगी और अनियमित कर्मचारियों की मुख्यमंत्री निवास में बैठक बुलाकर उनकी समस्याओं के निराकरण और कल्याण एवं बेहतरी के लिए प्रयास किए जाएंगे। मध्यप्रदेश जंगलों की रक्षा करने वाला प्रदेश है। ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेट चेंज के खतरे यह सिद्ध करते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के लिए दुनिया को भारत के बताए रास्ते पर ही चलना होगा। मत्स्य-पुराण में कहा गया है कि “दस कुओं के बराबर एक बावड़ी होती है, दस बावड़ियों के बराबर एक तालाब होता है, दस तालाबों के बराबर एक पुत्र और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है”। भारतीय संस्कृति में वृक्ष को ईश्वर, पिता और दस पुत्रों के बराबर माना गया है।
देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र मध्यप्रदेश में
सीएम चौहान ने कहा कि हम तुलसी, पीपल, आंवला को काटना अशुभ मानते हैं। यदि पेड़-पौधे नहीं रहेंगे तो मानव जीवन भी नहीं रहेगा। मध्यप्रदेश ने वन सम्पदा का बखूबी संरक्षण किया है। देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र मध्यप्रदेश में है, जो राज्य के क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत और देश के कुल वन क्षेत्र का 12.30 प्रतिशत है। वन्य-प्राणियों की सुरक्षा में भी हम आगे हैं। मध्यप्रदेश देश का टाइगर स्टेट तो है ही यहाँ तेंदुआ, घड़ियाल, गिध्दों की संख्या भी पर्याप्त है,साथ ही चीतों का भी पुनर्स्थापन हुआ है।जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर वनों की सुरक्षा की, राष्ट्र उनका ऋणी है। वन कर्मी अपने परिवार से दूर रहकर कठिन परिस्थितियों में खतरों के बीच अपने कर्तव्य निभाते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।