प्याज की खेती से पहले जान लीजिये प्याज की उन्नत किस्मे, जो देती है प्रति हेक्टेयर 500 क्विंटल तक होती है उपज
प्याज की खेती से पहले जान लीजिये प्याज की उन्नत किस्मे, जो देती है प्रति हेक्टेयर 500 क्विंटल तक होती है उपज. प्याज लगभग हर सब्जी में डाला जाता है. भारत में किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते है. किसान खरीफ और रबी, दोनों सीजन में इसकी खेती करते हैं. अगर बुवाई के समय ही सही किस्मों का चयन कर लिया जाए तो किसान प्याज की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. बाजार में वैसे तो कई किस्में मौजूद हैं, लेकिन हम आपको 5 सबसे उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे बंपर उत्पादन होता है. आइये जानते है.
प्याज की उन्नत किस्मे
पूसा रेड: इस किस्म के प्याज का रंग लाल होता है. एक हेक्टेयर में कम से कम 200 से 300 क्विंटल तक की पैदावार. भंडारण के किसी विशेष स्थान की जरूरत नहीं पड़ती, कहीं भी रख लीजिए. एक प्याज 70 से 80 ग्राम तक का होता है.है. फसल 120-125 दिनों में तैयार हो जाती है.
पूसा रतनार: इस किस्म की प्याज का आकार थोड़ा चपटा और गोल होता है. गहरे लाल रंग वाली इस किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल तक प्याज प्राप्त कर सकते हैं. फसल 125 दिनों में तैयार हो जाती है.
हिसार- 2: इस किस्म का प्याज गहरे लाल और भूरे रंग का भी होता है. रोपाई के 175 दिनों बाद फसल पक जाती है. इसकी सबसे खास बात यह होती है कि इसका स्वाद तीखा नहीं होता. यह प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक पैदावार दे देती है.
पूसा व्हाईट फ्लैट: बाजार हम कभी-कभी सफेद रंग के प्याज भी देखते हैं, वह यही किस्म है. रोपाई के 125 से 130 दिन बाद में तैयार होने वाली किस्म है. भंडारण क्षमता अच्छी होती है. प्रति हेक्टेयर 325 से 350 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है.
अर्ली ग्रेनो: इस किस्म के प्याज का रंग हल्का पीला होता है. इसे सलाद में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. रोपाई के 115-120 दिनों बाद फसल पक जाती है. प्रति हेक्टेयर 500 क्विंटल तक पैदावार होती है