14 September 2023

आलू की खेती करने से पहले जरूर ध्यान दे इसकी उन्नत किस्मो के बारे में, प्रति हेक्टेयर देती है 200 से 250 क्विंटल तक उपज - kheti kisani

आलू की खेती करने से पहले जरूर ध्यान दे इसकी उन्नत किस्मो के बारे में, प्रति हेक्टेयर देती है 200 से 250 क्विंटल तक उपज

आलू की खेती करने से पहले जरूर ध्यान दे इसकी उन्नत किस्मो के बारे में, प्रति हेक्टेयर देती है 200 से 250 क्विंटल तक उपज। आजकल लोग पारम्परिक खेती को छोड़ कर उन्नत फसलों की खेती की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे है. भारत में चावल, गेहूं और गन्ने  के बाद आलू की ही खेती सबसे अधिक की जाती है. आलू में 80 से 82 प्रतिशत तक पानी और 14 प्रतिशत स्टार्च पाया जाता है. ये एक ऐसी सब्जी है जिसे कितने भी दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है. आज हम आपको आलू की पांच उन्नत किस्मों के बारे बताने जा रहे हैं. जिसकी खेती करके किसान आलू की खेती शुरू कर सकते हैं. लेकिन अधिकतर किसान पारंपरिक बीजों से ही आलू की खेती करते हैं. वो किसान अब  अच्छी उपज के लिए अच्छी वैरायटी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइये जानते है इसके बारे में.

आलू की उन्नत किस्मे

कुफरी चिप्सोना आलू की किस्म: सबसे पहले आपको बता दे की आलू का ये किस्म चिप्स बनाने के लिए काफी फेमस होता है. इस किस्म को चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में की जाती है. आलू के इस किस्म में किसान को  प्रति हेक्टेयर में 300 से 350 कुंटल तक की पैदावार मिलती है.

कुफरी पुखराज आलू की किस्म: बता दे की ये किस्म आलू की सबसे खास वेराइटी है जो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सबसे कम अवधि में तैयार होती है. उत्तर भारत में इसकी खेती सबसे अधिक होती है. खासकर इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, और उड़ीसा में किया जाता है. इस किस्म की अच्छी बात तो ये है कि यह वैरायटी बुवाई के 100 दिनों के अंदर ही तैयार हो जाती है.

कुफरी नीलकंठ आलू की किस्म: आपको बता दे की एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आलू का ये बेहतरीन किस्म है, जो ज़्यादा ठंड के मौसम को भी बर्दाश्त कर सकता है. इसकी उत्पादन क्षमता अन्य किस्मों से अधिक होती है. ये किस्म की फसल 90 से 100 दिनों तैयार हो जाती है. इसके अलावा स्वाद में भी यह आलू बहुत अच्छा होता है. वहीं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के लिए यह किस्म अच्छी मानी जाती है.

कुफरी सिंदूरी आलू की किस्म: आपको बता दे की आलू की इस कुफरी सिंदूरी भी आलू की एक उन्नत किस्म है, जो पाले को भी सहन कर सकती है. मैदानी और पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. पहाड़ी इलाके के मुकाबले मैदानी इलाके में फसल जल्दी तैयार हो जाती है. यह किस्म 120 से 125 दिनों में तैयार होती है.

कुफरी अलंकार आलू की किस्म: इस किस्म के बारे में बात करे तो यह आलू की उन्नत किस्म है जो प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक उपज देती है. इस किस्म के आलू की फसल 70 दिनों में ही तैयार हो जाती है. ये किस्म उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अच्छी पैदावार देती है.

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