Collector की नौकरी कैसे मिलती है? क्या-क्या मिलती है सुविधाएं? जानें- पावर और सैलरी....
अक्सर लोग किसी बात को लेकर क्या करते हैं कि क्या तुम कहेंगे कलेक्टर हो क्या हालंकि सब सुनने में काफी अच्छा लगता है लेकिन इस शब्द को हासिल करने के लिए कितनी मेहनत करनी होती है वह एक UPSC का छात्र ही बता सकता है. इस पद को पाने के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर जैसे बड़े-बड़े शहरों में युवा UPSC सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने में जुटे रहते हैं.
इसमें चयन होने के बाद चयनित उम्मीदवार को IAS के रूप में जाना जाता है, जिसे भारत सरकार की ओर से तमाम सुविधाओं के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी दी जाती है. तो इसलिए जानते हैं इन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं और कितनी सैलरी मिलती है?
Collector Salary स्ट्रक्चर
भारत सरकार द्वारा सभी Collector को 7वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी दी जाती है. यानी शुरुआत में एक जिला कलेक्टर को 56,100 रुपए प्रतिमा वेतन दिया जाता है जबकि बढ़ते अनुभव के अनुसार वेतन 2 लाख 50 हजार रुपए प्रतिमा हो जाता है. जिसमें कलेक्टर की सैलरी के साथ-साथ मकान किराया, मेडिकल भत्ता, महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता जैसे कई भत्ते शामिल होते हैं.
Callector को मिलने वाली सुविधाएं
एक जिला कलेक्टर (Callector) को सैलरी के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा कई सारी सुविधाएं भी दी जाती हैं. जिसमें महंगाई भत्ता, जॉब सिक्योरिटी, मेडिकल लीव, ऑफिस परिवहन, मकान किराया, यात्रा भत्ता और फोन बिल भी दिया जाता है.
- जॉब सिक्योरिटी: कलेक्टरों को उनकी नौकरी का पूरा सिक्योरिटी होता है और उन्हें बर्खास्त करना इतना आसान नहीं होता है.
- ऑफिस परिवहन: एक कलेक्टर को घर से ऑफिस जाने के लिए भारत सरकार द्वारा वहां की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.
- मकान किराया: चयनित कलेक्टर देश की और अपने जिले की रखरखाव के लिए हमेशा आगे खड़ा रहता है, जिसकी वजह से उसे रहने के लिए सरकार द्वारा मकान किराया भी दिया जाता है.
- मेडिकल लीव: मेडिकल लीव के लिए कलेक्टर को खास कर छुट्टी दी जाती है. अगर कलेक्टर की तबीयत में कोई खराबी है तो वह मेडिकल लीव ले सकता है.
- ऐसे तमाम सुविधाएं हैं जो भारत सरकार द्वारा चयनित एक कलेक्टर को दिया जाता है.