23 August 2023

Chandrayaan3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल, watch video - पीएम मोदी ने कहा चंदा मामा दूर के नहीं चंदा मामा एक टूर के

Chandrayaan3 ने की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग। पीएम मोदी ने कहा चंदा मामा दूर के नहीं चंदा मामा एक टूर के

भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

Prithvi Se Chandrama Ki Duri Kitni Hai (पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है) 3,84,400 KM (3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर) है।
बहन धरती ने भाई चंदा मामा को राखी बांधी.....

आज हम सभी भारत वासियों के लिए एक बहुत बड़ा गर्व  का दिन है, आज भारत ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करके दुनिया को दिखा दिया कि भारत एक महाशक्ति है।

जैसा कि आप जानते हैं कि 0 और दशमलव की खोज हमारे देश में ही की गई है , एक  गाने में कहा भी गया था कि जब जीरो दिया मेरे भारत ने तब दुनिया को गिनती आई..... 

 

अब हमारा देश दुनिया के 4 देशों में शामिल हो चुका है जो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल हो चुके हैं और हम दुनिया में वह पहले देश बन चुके हैं जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए। 


चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग पर पीएम मोदी ने सभी देशवासियों तथा इसरो के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और इस पर पीएम मोदी ने कहा कि यह संकेत है कि अब हम विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर हो चुके हैं। 

ऊपर दिखाई फोटो टायरों से बनने वाले चित्र का एक सैंपल है अभी वहां पर कैसा चित्र बना है यह अभी सामने नहीं आया है।

चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन था, जिसकी लॉन्चिंग 22 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से की गई थी. चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना और वहां से वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना था. चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त, 2023 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरने में सफलता प्राप्त की. चंद्रयान-3 के उतरने के बाद, भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया.

चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम "विक्रम" रखा गया था, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था. चंद्रयान-3 के रोवर का नाम "प्रज्ञान" रखा गया था, चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद, वहां से वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया. चंद्रयान-3 के द्वारा एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा का उपयोग चंद्रमा के इतिहास, भूविज्ञान और वातावरण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाएगा.

चंद्रयान-3 की सफलता भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह इसरो के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है और यह भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है. चंद्रयान-3 की सफलता भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत है और यह भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में और भी आगे बढ़ने में मदद करेगी.