13 May 2023

गेहूं कटाई के बाद कम समय में होने वाली इन फसलों की खेती करें Cultivation of short duration crops

गेहूं कटाई के बाद कम समय में होने वाली इन फसलों की खेती करें  Cultivation of short duration crops

 Cultivation of short duration crops : अक्सर किसानों के मन में यह सवाल रहता है कि गेहूं की कटाई के बाद किन फसलों की खेती करें? वहीं किसान ये भी सोचते हैं कि कम खर्च और कम अवधि वाली फसलों को ही लगाया जाए.

Cultivation of short duration crops

आइए जानते हैं इस दौरान कौन सी फसलों की खेती करने से हैं किसानों को बेहतर मुनाफा हो सकता है और कितने दिनों में खेती हो जाती है.

हम सभी जानते हैं कि देश में खेती करने के तीन सीजन होते हैं, जिसमें रबी, खरीफ और जायद शामिल हैं. रबी और खरीफ के बारे में तो खूब चर्चा होती है. लेकिन,जायद सीजन के बारे में देश के अधिकांश लोग कम ही जानते हैं. जायद सीजन लगभग गेहूं की कटाई के बाद की जाने वाली खेती होती है. Cultivation of short duration crops

लेक‍िन अक्सर किसानों के मन में सवाल रहता है कि गेहूं की कटाई के बाद किन फसलों की खेती करें? वहीं किसान ये भी सोचते हैं कि कम खर्च और कम अवधि वाली फसलों को ही लगाया जाए. गेहूं के कटने के बाद जो किसान खेतों को खाली छोड़ देते हैं, वह किसान खाली पड़ी खेतों में कौन सी फसल उगा सकते हैं,

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इन फसलों की खेती करें क‍िसान

Cultivation of short duration crops

आपको बता दें कि तीसरी सीजन यानी जायद सीजन में आमतौर पर गर्मी में खाई जाने वाली सब्जियों और फलों की खेती की जाती है. ऐसे में क‍िसान गेहूं की कटाई के बाद तीसरी फसल के रूप में लौकी, कद्दू, तोरई मूंग, टमाटर, उड़द, बैंगन,बाजरा, मेथा और तरबूज की खेती कर सकते हैं. क्यों इन मौसमी फसलों को उगाने में 60 से 65 दिनों का ही वक्त लगता है और ये सारे फसल नकदी होते हैं. इन फसलों से अच्छी आमदनी भी हो सकती हैं.

मूंग की खेती

किसान गेहूं कटने के बाद तीसरे सीजन में मूंग की बुवाई कर सकते हैं. यह 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती है. साथ ही इसकी बुवाई कर के किसान अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. मूंग की बाजारों में भी काफी मांग रहती है. वहीं डेढ़ से दो क्विंटल प्रति बीघा के हिसाब से इसकी पैदावार होती है,

टमाटर और बैंगन की खेती 

टमाटर कम समय लगने वाली नकदी फसलों में शामिल है. जो कि कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है. इसके तैयार होने में मात्र 50 से 60 दिन लगता है.

वहीं बैगन की खेती तीन समय किया जाता है. एक जनवरी-फरवरी में दूसरी जुलाई अगस्त में और तीसरी जो वर्षा कालीन फसल है, इसकी खेती किसान अप्रैल के महीने में की जाती है. बैंगन भी बहुत जल्दी तैयार होने वाली फसल है. कम लागत में अधिक मुनाफ़ा देने वाली फसलें हैं .Cultivation of short duration crops

उड़द और तरबूज की खेती

उड़द की खेती भी किसान गेहूं कटने के बाद कर सकता है. इसके तैयार होने का समय 60 से 65 दिन है और कम लागत में किसानों को अधिक मुनाफा भी मिलता है. साथ ही प्रति बीघा में एक से डेढ़ क्विंटल होती है.

वहीं तरबूज की खेती कर भी नकदी फसलों में आती है. इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमाते है. साथ ही गर्मी के दिनों में लोगों में इस फल की डिमांड काफी अधिक बढ़ जाती है. किसान कम लागत में इसकी खेती कर सकते हैं.

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