अगर बच्चे की उम्र 6 साल है तभी मिलेगा 1st क्लास में Admission, Playschool अनिवार्य - e4you.in
New Education Policy: जैसा कि हम सब जानते हैं नया शैक्षणिक सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है। फ़िलहाल हर जगह परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। 2022-2023 का सत्र बस समाप्त ही होने वाला है जल्द ही 2023- 2024 सत्र के दाखिले शुरू हो जाएंगे। इसी बीच शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले ही सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दे दिए हैं।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पहली कक्षा में दाखिले की उम्र 6 वर्ष की रखनी है। सारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दे दिया जा चुका है कि पहली कक्षा में दाखिले के समय छात्र की उम्र 6 वर्ष होनी चाहिए । स्कूली शिक्षा में एकरूपता के लिहाज से केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक जैसे नियम अपनाने की हिदायत दी है । इसी कड़ी में उन्होंने पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम आयु 6 वर्ष रखने का निर्देश दिया है । साथ ही साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किए गए ढांचे को भी अपनाने के लिए कहा है।
New Education Policy
भारत की नए नीति के अनुसार 3 साल की उम्र से ही बच्चे को स्कूल से जोड़ना जरूरी कर दिया गया है । 3 साल तक बच्चे को प्ले स्कूल में दाखिला दिया जाएगा 3 साल की उम्र से 6 साल की उम्र तक बच्चा प्ले स्कूल में ही पढ़ेगा। उसके बाद ही बच्चे को पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। इसीलिए सरकार ने पहली कक्षा के दाखिले की उम्र 6 साल किया है । नए शैक्षणिक सत्र के दाखिले अप्रैल माह से शुरू हो जाएंगे । इसलिए सरकार ने सारे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों को निर्देश दे दिया है कि इस बार सारे दाखिले नई शिक्षा नीति के अनुसार ही किए जाएं। नीति के पहले स्कूली शिक्षा को 10+2 के ढांचे से निकालकर 5 + 3 + 3 + 4 में तब्दील किया गया है ।
इसका अर्थ शुरू के 5 साल बुनियादी स्तर पर फाउंडेशन एजुकेशन शुरू की जाएगी जिसमें शुरू के 3 साल बाल वाटिका के होंगे और उसके बाद पहली व दूसरी कक्षा शामिल होगी।
एक राज्य से दूसरे में शिफ्ट होने में नहीं आएगी दिक्कत
भारत सरकार मंत्रालय का मानना है कि पहली कक्षा में दाखिले की उम्र अलग अलग होने की वजह से स्कूली शिक्षा में एक विसंगति आ जाती है। जिसका खामियाजा बच्चे को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने के वक़्त या किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होता है उस दौरान उठाना पड़ता है। इसीलिए शिक्षा मंत्रालय ने नए एजुकेशन प्लान बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखा है. 5 + 3 + 3 + 4 के पैटर्न से इस प्रकार की परेशानियां छात्रों को नहीं उठानी पड़ेगी।
देश में हाल ही में जारी किए गए निर्देशों के अनुसार 3 साल की उम्र से ही बच्चे को प्ले स्कूल में दाखिला मिलने लगेगा । तथा 3 साल तक प्ले स्कूल में पढ़ने के बाद में न्यूनतम 6 वर्ष की आयु में बच्चा पहले कक्षा में दाखिला ले सकता है। सम्पूर्ण भारत में इस प्रकार एक यूनिवर्सल एज में दाखिले की वजह से छात्रों को आगे आने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
Playschool हुआ अनिवार्य
भारत सरकार की नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत प्लेस्कूल को अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार द्वारा इस प्रकार प्ले स्कूल अनिवार्य करने के चलते सरकार ने सारे स्कूलों को यह निर्देश दे दिया है कि वह अपने स्कूलों में प्ले स्कूल पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति भी शुरू कर दें। इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद तथा जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान ने 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स इसी कड़ी में शुरू करने का सुझाव दिया है । प्ले स्कूलों में छात्रों को खेलते खेलते पढ़ाये जाने का कुशल शिक्षकों को आना चाहिए इसीलिए सरकार ने प्ले स्कूल की ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया है।
जल्द ही नई शिक्षा नीति के अनुसार दाखिले शुरू हो जाएंगे जिससे कि छात्रों को भविष्य में आने वाली आयु विसंगति की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।