आज हम मध्य प्रदेश के बिजली विभाग के बारे में कई बिंदुओं में बात करेंगे, जिसमें मुख्य बिंदु है मध्यप्रदेश में प्रति यूनिट बिजली का रेट ..... year 2022 - 2023
- एमपी में डोमेस्टिक घरेलू बिजली के लिए एक यूनिट बिजली का कास्ट वास्तव में ₹8 है, लेकिन यह कास्ट सभी के लिए नहीं है, यह कॉस्ट ₹8 से लेकर ₹100 प्रति यूनिट तक जाता रहता है.
- तथा ₹10 से लेकर ₹15 पर यूनिट तक कमर्शियल यूज पर एक यूनिट के लिए लिया जाता है.
- लेकिन उपरोक्त विवरण बहुत ही कम देखने को मिलता है, मध्य प्रदेश का बिजली विभाग बहुत ही मनमाना विभाग है यहां पर एक यूनिट बिजली का बिल कभी-कभी ₹100 तक या उससे अधिक भी आता है .
- मध्यप्रदेश शासन के द्वारा बिजली विभाग को लूट की खुली छूट दे दी गई है ।
- मध्यप्रदेश शासन के द्वारा बिजली विभाग के कर्मचारियों को लूटने के लिए लगाया गया है ।
- मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि जितना ज्यादा लूट सकते हो जनता को लूटो नहीं तो सैलरी नहीं मिलेगी ।
- मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार बहुत ही ज्यादा खुली छूट दे रखी है बिजली विभाग के कर्मचारियों को ।
- शिवराज सरकार घोषणा वीर तो है ही साथ ही साथ यह सरकार जनता को लूटने में भी लगी है ।
- शिवराज सरकार बिजली को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं है शिवराज सरकार को लगता है कि झूठी घोषणाएं करते 2023 में भी चुनाव जीत लेगी ।
- बिजली के कष्ट से जनता लगातार जूझ रही है 2023 में शिवराज को चुनाव जीतना मुश्किल पड़ेगा
- मध्यप्रदेश में जितने भी विद्युत मंडल है सभी विद्युत मंडल से जनता परेशान है ।
- मध्य प्रदेश में पूर्व क्षेत्र मध्य क्षेत्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नाम से बनाई गई कंपनियां जनता की कोई भी सहायता नहीं कर रही है यहां पर एक टोल फ्री नंबर 1912 बनाया गया है जहां पर केवल सांत्वना के लिए शिकायत दर्ज की जाती है वहां शिकायत का कोई समाधान नहीं होता है ।
- जनता को पैदल चलकर कार्यालय पहुंचना होता है और दो से चार बार एक ही काम के लिए जाना पड़ता है तब जाकर शिकायत में कुछ सुनवाई होती है
अब इससे ज्यादा मध्य प्रदेश बिजली विभाग के बारे में क्या बताएं वैसे भी आप सब भली भांति मध्य प्रदेश बिजली विभाग से परिचित हैं मध्य प्रदेश सरकार हमारी कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं हम सरकार के खिलाफ आवाज उठाने में सबसे पीछे हैं मध्य प्रदेश की जनता चुपचाप सरकार के जुल्म को सहने के लिए तैयार रहती हैं कभी भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं रखती है । इसका एक उदाहरण यह है कि मध्य प्रदेश में कई जिलों में एक ₹2 के सिक्के नहीं चलते हैं और जनता की कोई आवाज नहीं उठाई जाती है जिस वजह से व्यापारी संघ इस नियम को अपने आप लागू किया है सरकार की तरफ से ऐसा कोई नियम नहीं है लेकिन जनता की सुस्ती साफ दिखाई दे रही है यहां पर शिवराज जैसे सरकार दोबारा भी बन सकती है.