काम के चलते सही समय पर भोजन न मिलने और भूख के लगने पर कुछ भी खा लेने से पेट की बिमारियों में वृद्धि हो रही है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पेट की बीमारीयां कई अन्य बीमारियों की जनक होती हैं। वहीं, यदि आपका पेट सही है तो अन्य बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। अब प्रश्न आता है कि पेट की बीमारियों से कैसे बचा जाए। यहां प्रस्तूत है पेट (उदर) में होने वाली मुख्य बीमारियां और उनके तुरन्त लाभ वाले घरेलू उपाय -
एसिडिटी
हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है। जिससे कि एसिडिटी की समस्या हो जाती है। मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है। इसके अलावा समय पर भोजन न करने से एसिडिटी हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है।
उपचार
एसिडिटी की समस्या से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पिएं। इसके अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं। एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है। नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है।
गैस की समस्या
अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की समस्या हो जाती है। आवश्यकता से अधिक पेट में गैस बनने से शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है। इसलिए गैस की समस्या होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए।
उपचार
गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। वहीं, गैस को ठीक करने के लिए एक नींबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं। इसके अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है।
कब्ज
कब्ज पानी के कम सेवन करने या भोजन में फैट की कमी से होता है। कब्ज की समस्या होने पर भूख नहीं लगती और शौच में समस्या होती है।
उपचार
कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दूध और पपीते का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला चूर्ण खाने से कब्ज की समस्या में लाभ मिलता है।
उल्टी
बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है। ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और उपचार करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। ताकि आगे चलकर कोई बड़ा रोग न हो जाए।
उपचार
उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन करना चाहिए।
लूज मोशन
अक्सर देखा जाता है कि मौसम बदले पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं। इसके बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है।
उपचार
लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया को ही खाना चाहिए। इसके साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं। वहीं, केला और भुस्सी खाने से भी लूज मोशन में ठीक करने में सहायता मिलती है।
एसिडिटी
हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है। जिससे कि एसिडिटी की समस्या हो जाती है। मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है। इसके अलावा समय पर भोजन न करने से एसिडिटी हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है।
उपचार
एसिडिटी की समस्या से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पिएं। इसके अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं। एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है। नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है।
गैस की समस्या
अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की समस्या हो जाती है। आवश्यकता से अधिक पेट में गैस बनने से शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है। इसलिए गैस की समस्या होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए।
उपचार
गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। वहीं, गैस को ठीक करने के लिए एक नींबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं। इसके अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है।
कब्ज
कब्ज पानी के कम सेवन करने या भोजन में फैट की कमी से होता है। कब्ज की समस्या होने पर भूख नहीं लगती और शौच में समस्या होती है।
उपचार
कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दूध और पपीते का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला चूर्ण खाने से कब्ज की समस्या में लाभ मिलता है।
उल्टी
बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है। ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और उपचार करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। ताकि आगे चलकर कोई बड़ा रोग न हो जाए।
उपचार
उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन करना चाहिए।
लूज मोशन
अक्सर देखा जाता है कि मौसम बदले पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं। इसके बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है।
उपचार
लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया को ही खाना चाहिए। इसके साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं। वहीं, केला और भुस्सी खाने से भी लूज मोशन में ठीक करने में सहायता मिलती है।