शिवराज मामा की खैर नहीं क्योंकि 2.75 करोड़ से अधिक युवाओं के साथ की है वादा खिलाफी
मध्यप्रदेश में मामा के नाम से मशहूर सीएम शिवराज सिंह चौहान 15 अगस्त 2020 को मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए एक घोषणा की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अब तृतीय श्रेणी की नौकरी में मध्यप्रदेश के मूल निवासी को मौका दिया जाएगा बाहर के प्रदेशों के युवाओं के लिए मौका नहीं होगा जिससे कि प्रदेश के beरोजगार युवाओं को ज्यादा मौका उपलब्ध हो सकेगा लेकिन 2020 बीत जाने के बाद आज तक ऐसा कोई विज्ञापन दिखाई नहीं दिया है जिसमें प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश के मूलनिवासी युवाओं को मौका देते हुए विज्ञापन निकाला हो ,शिवराज सरकार की इस बाधा खिलाफी के कारण युवाओं में काफी आक्रोश है.
30000000 बेरोजगार युवक शिवराज मामा के खिलाफ 2023 में वोट ना देते हुए . उनके खिलाफ वोट करने को अन्य लोगों को प्रेरित कर सकते हैं
corona के बाद बेरोजगारी वैसे भी काल के समान है ऐसे में प्रदेश सरकार युवाओं के ऊपर ध्यान ना देते हुए बेरोजगार युवकों के लिए तानाशाह बनती जा रही है शिवराज सरकार युवाओं की उपेक्षा करके बच नहीं sakti 2023 में युवाओं का आक्रोश शिवराज मामा को निश्चित तौर पर देखने को मिल सकता है.
मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की आवाज को जिस भी पार्टी के द्वारा बुलंद किया जाएगा बेरोजगार उसी पार्टी को वोट करेंगे और वह पार्टी चाहे नई हो या निर्दलीय हो अब युवाओं में इस बात की जानकारी बखूबी हो चुकी है कि बीजेपी की सरकार पिछले चार पंच वर्सी से है जो कि अब सत्ता के मद में चूर दिखाई दे रही है इसलिए इस सरकार का तो जाना तय है.
2023 विधानसभा चुनाव के लिए अब केवल डेढ़ साल ही बचे हैं और इतने कम समय में शिवराज सरकार अभी तक कोई भी bharti prakriya poori nahi kar सकी है अब शिवराज सरकार के लिए चुनौती है. यदि डेढ़ साल में युवाओं को अपनी और आकर्षित कर सके तभी शिवराज सरकार 2023 में युवाओं का वोट प्राप्त कर सकते हैं.
शिवराज सरकार के पास पड़ोसी प्रदेश तथा कई अन्य प्रदेश चुनौती पेश कर चुके हैं जो अपने ही प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया करा रहे हैं
मध्य प्रदेश का पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ कई ऐसी भर्ती निकाल चुका है जिसमें छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी युवाओं के लिए ही मौका दिया गया है और वहां पर कांग्रेस की सरकार है इस तरह बीजेपी के सरकार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सबसे बड़ी चुनौती दे रही है.
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के सरकार ने रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में मध्यप्रदेश के मुकाबले काफी बेहतर काम किया है, इसलिए शिवराज सरकार के सामने कड़ी चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार भूपेश बघेल दिखाई दे रहे हैं.
वैसे मध्यप्रदेश में कांग्रेस का पत्ता साफ ही दिखाई दे रहा है ऐसे में नई पार्टी को युवाओंका वोट जाता दिखाई दे रहा है इस मौके का फायदा आम आदमी पार्टी निश्चित तौर पर उठाना चाहेगी.
कई बेरोजगार युवक जो बेरोजगारी से लड़ते-लड़ते उम्र की सीमा 40 बार हो चुके हैं अब वह निर्दलीय चुनाव भी लड़ेंगे
वर्तमान राजनीति से आहत होकर नए युवक राजनीति में आएंगे 2023 में निश्चित तौर पर युवाओं की संख्या बढ़ेगी और वह निर्दलीय ही आएंगे क्योंकि पार्टी में उन्हें जगह मिलती दिखाई नहीं दे रही है.
नई युवा पीढ़ी यदि राजनीति में आती है तो, राजनीति 2023 में बिल्कुल बदल जाएगी आप देखेंगे कि 2023 में कई ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे जो चुनाव प्रचार में बहुत ही कम खर्च करेंगे और वह निश्चित तौर पर इसलिए जीतेंगे क्योंकि वह युवा पीढ़ी के लिए चुनाव लड़ेंगे और उनकी समस्याओं se निजात दिलाने के लिए चुनाव लड़ेंगे और सही मायने में सही मुद्दे में चुनाव लड़ेंगे निश्चित तौर पर ऐसे युवाओं को 2023 में सफलता मिलेगी.