सांकेतिक तस्वीर।
करीब 4 साल पहले मैं इटारसी से भोपाल अप डाउन करती थी।
उस दिन ट्रैन की जनरल बोगी में एक अकेली सीधी सी दिखने वाली महिला अपने बच्चे को दूध पिला रही थी,
उस महिला के पास 2 3 लड़के खड़े थे बिल्कुल सट कर।
वो लड़के उस महिला के स्तनों को छूने की कोशिश कर रहे थे, वो डरी हुई महिला उन लड़कों से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी, क्योंकि उसे अपने बच्चे का पेट भरना था।
मैं ऊपर की बर्थ पर बैठ कर उनकी ये हरकत देख रही थी। मैने अपने साथ वाले कुछ अन्य अप डाउनर लोगों को व्हाट्सएप्प पर मैसेज करके बताया कि कुछ लड़के यहां छेड़ छाड़ कर रहे हैं।
फिर क्या था मेरे इटारसी के परिचितों ने उन तीनों लड़कों की जमकर खबर ली।
और इटारसी स्टेशन पर ही उतार कर पुलिस के हवाले कर दिया।
पर इसमें शर्मनाक ये था कि एक सीधी सी महिला अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो भी भेड़िये ये भूल जाते हैं कि कभी हमने भी ऐसे ही दूध पिया होगा।