अकादमिक गतिविधियों, परीक्षा, और आर्थिक अनियमितताओं को लेकर बदनाम अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय एक बार संविदा के भरे जा रहे पदों को लेकर सुर्खियों में है. विवि के व्यावसायिक पाठ्यक्रम बीएड को संचालित करने एनसीटीई के मापदण्डों के तहत संविदा व्याख्याता एवं सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति होने जा रही है. इसमें पहले ही पद भर लिए गए अब औपचारिक प्रक्रिया दिखावे के तौर पर अगले सोमवार को होनी है. खास बात यह है कि इसमें आरक्षण लागू नहीं होगा.
गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी संविदापदों को विश्वविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों, जिले के एक वरिष्ठ अधिवक्ता, एवं सत्ता के मठाधीशों ने आपस में मिल बांट लिया. इस खेल को भी पूर्व की भांति चुपचाप खेल लिया गया और किसी को भनक नहीं लगने दी. अब सिर्फ चयनित अभ्यर्थियों के नामों का ऐलान करने की रस्म अदायगी रह गई है. विवि के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि दिसम्बर 2021 में शिक्षा पाठ्यक्रम बीएड में पढाने के लिए संविदा में व्याख्याता और सहायक प्राध्यापक के पदो की रिक्तियों का विज्ञापन प्रकाशन किया गया था, जिसमें अब भर्ती हो रही है. बीएड पाठ्यक्रम के संचालन के लिए कुल 15 पद निकाले गए हैं. इन पदों के लिए साक्षात्कार 25 अप्रैल यानि सोमवार को होने जा रहा है.
यूं समझे नियुक्तियों का गुणा-भाग
बताया जाता है कि विवि कुलपति के खासमखास बने दो प्राध्यापक पहले आधे पदों पर अपने-अपने सगे सम्बंधियो का स्थान को लॉक कर दिया, जिसमें पत्नी, बहू, भाई की पत्नी साला या उसकी पत्नी जैसे रिश्ते हैं. अन्य पदों की बात करें तो जिले के एक वरिष्ठ अधिवक्ता का नाम सुर्खियों में है, जिनको हाल ही में सीनियर शिप के अवार्ड से नवाजा गया है, वे भी कुछ पद के भागीदार बन लिए हैं. वैसे उनके बारे में कहा जाता है कि विवि में सब विभागों का नोडल अधिकार उन्हीं के रिश्तेदारों ने हथिया रखे हैं. इसके बाद प्रदेश की सत्ता के उच्च पद पर आसीन एक जननेता ने भी अपनी पुत्री का ऋण उतार डाला. साथ में सखी सहेली भी पार लगने जा रही हैं. बचे पद संघी और विवि कार्य परिषद सदस्यों को उपकृत करने के लिए हैं.