यूक्रेन से भारत लौट रहे छात्रों से ज्यादा किराया वसूले जाने के संबंध में भारत में पढ़ने वाले भारतीय छात्र क्या कहते हैं
यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्रों के संबंध में सामान्य भारतीय नागरिक निम्न दो बातें कह रहे हैं ..
1, उनसे किराया ले भी लिया जाए तो इसमें कौनसा पहाड़ टूट गया ?
ये वही स्टूडेंट्स हैं ना, जो यहाँ NEET परीक्षा पास नहीं कर पाए, लेकिन 60,70,80 लाख रुपये का डोनेशन देकर डाॅक्टर बनेंगे ?
2, जब ये यूक्रेन गये थे, तब इनका किराया किसने दिया था ?
जो अपने किराए से यूक्रेन गये, वो अपने किराए से वापस भारत आए तो किस पर एहसान कर रहे हैं ?
ना ये गरीब हैं, ना ये मजदूर हैं, ना ही इन्हें भारत सरकार ने भेजा था, ना ही ये डॉक्टर बनकर मुफ्त में इलाज करेंगे, इसलिए इनसे किराया लिया जाना चाहिए, वो भी असाधारण परिस्थितियों के हिसाब से, जो 60,70 लाख दे रहा है, उसको किराया देना पड़ेगा, इसमें विशेष क्या है ???
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