आम की खेती कैसे और कब करें, संपूर्ण जानकारी। - e4you.in
भारत में फल की खेती में आम की खेती को प्रमुख माना जाता है साथ ही आम को फलों का राजा भी कहा जाता है। आम स्वादिष्ट, सुगंधित होने के साथ भी इसमें विटामिन ए और सी की मात्रा भरपूर रहती है। आम के पेड़ों का प्राकृतिकरूप कठोर होता है।
आम के फलों का प्रयोग हम लोग कईतरीके से कर सकते हैं, कच्चे आम का प्रयोग हम लोग चटनी अचार और जूस बनाने मे कर सकते हैं। साथ में पके हुए आम ओं का इस्तेमाल हम लोग इसे खाने, सिरप, जैम और जेली के रूप में कर सकते हैं। आम के अंदर 8 से 10% अच्छी गुण का सेट पाया जाता है जिसका इस्तेमाल साबुन बनाने में किया जा सकता है। आम का सबसे बड़ा फसल उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसी राज्यों में सबसे ज्यादा मात्रा में किया जाता है। इन राज्यों के बाद बिहार, कर्नाटका, केरल और तमिलनाडु में भी इसकी फसल अच्छी खासी होती है।
भारत आम की उत्पादन करने में सबसे बड़ा देश है। भारत देश से हमको अमेरिका और अन्य मध्य पूर्व के देशों को एक्सपोर्ट किया जाता है साथ ही इसे यूरोपियन बाजार में भी भेजा जाता है। विश्व भर में आम बाजार की बात की जाए तो भारत की हिस्सेदारी इसमें लगभग 15% है। भारत में अभी आम की खेती और उत्पादन करने के लिए एक अच्छा गुंजाइश है।
आम की खेती करने के लिए सबसे अच्छा मौसम।
आम की खेती करने के लिए वर्षा क्षेत्रों में इसकी रोपाई जुलाई से अगस्त महीने में की जाती है जबकि सिंचाई क्षेत्रों में इसकी रोपाई फरवरी से मार्च महीने के दौरान किया जाता है। जहां भारी वर्षा होती है उन क्षेत्रों में इनकी रोपाई वर्षा ऋतु के बाद किया जाता है।
आम की खेती में पेड़ो को की दूरी कैसे रखें।
आम की खेती में सूखे और नम क्षत्रों में इसकी रोकने की दूरी 10m ×10m और 12m × 12m रखनी चाहिए। आधुनिक खेती में 1 एकड़ की जमीन में 63 पौधों की लगाने पर विचार किया गया है, इसमें इनकी दूरी 8 मीटर × 8 मीटर होने चाहिए। क्षेत्र अध्ययन के दौरान इस नीति को सामान्य पाया गया है।
आम की खेती में आवश्यक पोषक।
आम की खेती करने से पहले हमें अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद हर सालमैदान में इस्तेमाल की जा सकती है। उर्वरकों के खाई आवेदन के लिए हम लोग 400 ग्राम N और K20, और इसके साथ 200 ग्राम P205 पौधों को प्रदान कर सकते हैं। आवश्यकता के अनुसार हम लोग इसके पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव कर सकते हैं।
आम की खेती में सिंचाई कैसे करें।
आम की खेती में युवा पौधों को उचित स्थापना करने के लिए इन्हें अक्सर सिंचाई किया जाता है। बड़े हो चुके पौधों को फल लगने के बाद परिपकवाता तक 15 से 10 दिन के बीच में सिंचाई करने से इनमें उपाय बढ़ने के लिए लाभदायक प्राप्त होती है। फूल आने के दो-तीन महीने पहले इसकी सिंचाई की सिफारिश नहीं की जाती हैं क्योंकि इससे फूलों की कीमत पर वनस्पति विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना जताई जाती है।
आम की खेती में इंटरक्रॉपिंग कैसे करें।
इसकी खेती में या लाभदायक होता है कि आप इसकी मैदान पर अलग-अलग सब्जी और फलों की खेती भी कर सकते हैं। क्षेत्र के कृषि जलवायु कारकों के आधार पर आप छोटे आकार के पौधों की खेती कर सकते हैं। पपीता, अमरूद, बेर जैसे पौधों की फसलों का उपाय किया जा सकता है। इंटर ग्रुप पौधों के लिए पानी और पोषक तत्वों की आवश्यकता ओं को अलग तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।
आम की खेती में फसल की कटाई और उपाज कैसे करें।
एक क्षेत्र में प्रचलित विविधता और कृषि जलवायु परिस्थितियों के आधार पर आम की खेती में इसकी उप आज बहुत विभिन्न होती है। ग्राफ्टेड आम के पेड़ों लगभग 5 वर्ड्स में फल देने लगते हैं। लेकिन बात की जाए अंकुर वाले पेड़ों की तो इन्हे 8-10 साल फल देने में लग जाते हैं।
शुरुआती पौधों में लगभग 3 से 4 वर्ष की आयु में उपज प्रति पर 2 से 3 किलो तक कम हो सकती है, लेकिन बाद के वर्षों में यह बढ़कर 10 से 15 किलो हो जाती है। जब पैर लगभग 10 वर्ष की हो जाती है तो इसकी उपज 100 किलो तक बढ़ती है। 20 से 40 वर्ष की आयु में एक पेड़ 1 वर्ष में 200 से 600 किलो फल देते हैं। ग्राफ्टेड आम के पेड़ की उत्पादक आयु आमतौर पर 40 से 50 वर्ष होती है, जिसके बाद इन पौधों में उपवास में गिरावट आनी शुरू होती है।
निष्कर्ष:
दोस्तों, ऊपर दिए हुए लेख में हम आम को आम की खेती से जुड़ी सारी जानकारियों को विस्तार में दिया है। अगर आप आम की खेती करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। साथ ही आप आम के अलावा और भी सब्जियां या फलों की खेती करना चाहते हैं तो आप हमारे वेबसाइट e4you.in पर जरूर आएं। आम की खेती से जुड़ी आपके मन में और भी प्रश्न है तो हम एक कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। आशा करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।